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DGMO वार्ता: सीजफायर उल्‍लंघन के दौरान पाकिस्तान को हुआ भारत से ज्यादा नुकसान

नयी दिल्‍ली: भारत ने सीमा पर युद्धविराम उल्लंघन की बढती घटनाओं को लेकर पाकिस्तान के समक्ष आज अपना विरोध जताया और दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने टेलीफोन पर वार्ता की और तनाव को कम करने के लिए फ्लैग बैठकें आयोजित करने पर सहमति जतायी. सेना अधिकारियों ने यहां बताया, ‘डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिटरी […]

नयी दिल्‍ली: भारत ने सीमा पर युद्धविराम उल्लंघन की बढती घटनाओं को लेकर पाकिस्तान के समक्ष आज अपना विरोध जताया और दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने टेलीफोन पर वार्ता की और तनाव को कम करने के लिए फ्लैग बैठकें आयोजित करने पर सहमति जतायी.

सेना अधिकारियों ने यहां बताया, ‘डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिटरी आपरेशन) की वार्ता दोपहर 12 बजे हुई और करीब दस मिनट तक चली जिसमें ‘सभी प्रासंगिक मुद्दे’ उठाए गए.’ सैन्य सूत्रों ने यहां बताया कि वार्ता के दौरान, समझा जाता है कि भारतीय पक्ष ने बार-बार किए जा रहे युद्धविराम उल्लंघन का मामला उठाया और इस मुद्दे को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया.

पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम के उल्लंघन की 95 घटनाएं हुई हैं और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 25 बार युद्धविराम समझौते का भी उल्लंघन किया गया है. सेना अधिकारियों ने बताया, ”दोनों पक्ष तनाव को कम करने के लिए सेना और बीएसएफ द्वारा फील्ड स्तर पर फ्लैग मीटिंग करने पर सहमत हो गए हैं.”

डीजीएमओ, भारत से लेफ्टिनेंट जनरल पी आर कुमार तथा पाकिस्तान की ओर से मेजर जनरल आमिर रियाज ने प्रत्येक मंगलवार को होने वाली हाटलाइन वार्ता में सीमा की स्थिति पर विचार विमर्श किया. डीजीएमओ हर सप्ताह वार्ता करते हैं और इस दौरान वे नियंत्रण रेखा तथा अन्य क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर विचार विमर्श करते हैं.

रक्षा मंत्री अरुण जेटली कह चुके हैं कि पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे युद्धविराम उल्लंघन का भारत प्रभावी और मजबूत तरीके से जवाब दे रहा है. भारत ने युद्धविराम उल्लंघन के दौरान पाकिस्तान द्वारा उग्रवादियों की घुसपैठ कराए जाने के किसी भी प्रयास से निपटने के लिए भी अपनी घुसपैठ विरोधी व्यवस्था को मजबूत किया है.

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