जींद, हरियाणा: कांग्रेस के बागी नेता चौधरी बीरेन्द्र सिंह हरियाणा में पार्टी के साथ चार दशक पुराना नाता तोडते हुए आज भाजपा में शामिल हो गए. राज्य में अक्तूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
67 वर्षीय राज्यसभा सदस्य के पार्टी में शामिल होने से उत्साहित भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उनके साथ एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि राज्य में कांग्रेस का समय ‘‘खत्म हो चुका है.’’ शाह ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मैं यहां रैली में शामिल होने आया हूं लेकिन यहां जनसैलाब उमडा हुआ है. दो दिन पहले मैं महेन्द्रगढ में था और अब मैं यहां इस रैली के लिए आया हूं और मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि कांग्रेस सरकार के अंतिम दिन चल रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा के लोग बदलाव चाहते हैं और वे हुड्डा एवं उनकी सरकार के कुशासन से छुटकारा पाना चाह रहे हैं.’’ जाटों के प्रमुख नेता सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेन्द सिंह हुड्डा के खिलाफ खुलेआम बगावत की और पार्टी से निलंबित करने के दो दिनों बाद अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होने की घोषणा की.
उनके विश्वासपात्र पूर्व मंत्री जगबीर मलिक के अलावा कुछ पूर्व विधायक भी भाजपा में शामिल हुए हैं.सिंह ने दावा किया, ‘‘जो रास्ता मैंने खुद के लिए चुना है वह भाजपा को हरियाणा में अगले 15 वर्षों तक मजबूत करने में लाभदायक होगा.’’ सिंह को ‘‘घोर अनुशासनहीनता’’ और ‘‘जानबूझकर पार्टी की प्रतिष्ठा कम करने’’ के कारण कांग्रेस से निलंबित किया गया है.
कांग्रेस पर प्रहार करते हुए शाह ने दावा किया, ‘‘वास्तविक सर्वेक्षण है कि हम हरियाणा में दो तिहाई बहुमत से जीत हासिल करेंगे. हरियाणा के हर हिस्से से लोग भाजपा से जुड रहे हैं और मेरा मानना है कि समय आएगा जब कांग्रेस को अपने उम्मीदवार तलाशने के लिए अखबारों में विज्ञापन देना होगा.’’ सिंह हरियाणा के तीसरे बडे नेता हैं जिन्होंने हाल में कांग्रेस छोडी है. इससे पहले राव इंद्रजीत सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा भी पार्टी छोड चुके हैं.
सत्तारुढ कांग्रेस ने सिंह के पार्टी छोडने को तवज्जो नहीं दी. पार्टी महासचिव शकील अहमद ने कहा कि भाजपा ‘‘अवसरवादियों’’ को अपने पक्ष में कर सत्ता में आने का सपना देख रही है.
हाल में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा को दस में से सात सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि उसकी सहयोगी हरियाणा जनहित कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली.