नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त नीरज कुमार ने रविवार को कहा कि अगर उनके पास पुलिस की कमान होती तो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस से वह खुफिया जानकारी मंगवाते और उपयुक्त समय पर हस्तक्षेप करते.
कुमार की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आयी है, जब पांच जनवरी को जेएनयू में नकाबपोशों के हमले के दौरान हस्तक्षेप करने में देरी के लिए पुलिस की आलोचना हो रही है. हमलावरों ने लोहे की छड़ों, लाठियों से कैंपस में छात्रों और अध्यापकों पर हमला किया था और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. हमले में बड़ी संख्या में लोग घायल हो गये थे. कुमार ने कहा, प्रशासन स्थिति को देखता रहा, यह गलत था. पुलिस, कुलपति की अनुमति के बिना भी कदम उठा सकती थी. उन्होंने कहा, सबसे महत्वपूर्ण है कि विशेष शाखा और स्थानीय पुलिस जो कि अवगत थी कि पिछले कुछ दिनों से क्या सब हो रहा है, उसे देखना चाहिए था कि क्या हो रहा है और अपनी रिपोर्ट के आधार पर वह कदम उठा सकती थी.
अगर वह पुलिस आयुक्त होते तो क्या वह कुछ अलग कदम उठाते? इस सवाल पर उन्होंने कहा, मैं अपनी विशेष शाखा को इस काम में लगाता और खुफिया जानकारी इकट्ठा करता और किसी उचित समय पर मैं दखल देता और जो घटना हुई उसे होने से रोकता और उसके लिए कोई मुझे दोष नहीं दे सकता था. जामिया मामले पर दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त ने कहा कि जामिया में उन्होंने (पुलिस ने) दखल देकर ठीक किया.