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राज्यसभा मे उठा महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों का मुद्दा

नयी दिल्ली:विभिन्न दलों के सदस्यों ने आज राज्यसभा में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन और अन्य अपराध के मामलों पर चिंता जतायी. सदस्यों ने दोषियों को सजा दिलवाने की मांग की और केंद्र के मंत्रियों सहित विभिन्न वरिष्ठ नेताओं से इस बारे में संयंमित व्यवहार करने और अनावश्यक बयानबाजी से परहेज करने को कहा. शून्यकाल […]

नयी दिल्ली:विभिन्न दलों के सदस्यों ने आज राज्यसभा में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन और अन्य अपराध के मामलों पर चिंता जतायी. सदस्यों ने दोषियों को सजा दिलवाने की मांग की और केंद्र के मंत्रियों सहित विभिन्न वरिष्ठ नेताओं से इस बारे में संयंमित व्यवहार करने और अनावश्यक बयानबाजी से परहेज करने को कहा.

शून्यकाल में जदयू के केसी त्यागी ने मेरठ के ग्रामीण इलाके में एक महिला से कथित बलात्कार और उसके कथित धर्म परिवर्तन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस मामले में तीन व्यक्तियों को पकडा गया है जबकि एक फरार है. उन्होंने कहा कि संबद्ध पुलिस थाने के प्रभारी को इस मामले में निलंबित किया गया है.

त्यागी ने कहा कि यह बेहद संवेदनशील मामला है और इसमें अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए भले ही वे किसी भी धर्म या जाति के हों. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसी घटनाओं का राजनीतिक लाभ उठाने और इन्हें सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मेरठ की घटना के बाद एक केंद्रीय मंत्री ने वहां जा कर कथित तौर पर बयान दिया और कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढती घटनाओं और सांप्रदायिक घटनाओं के चलते राज्य की निर्वाचित सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए.

त्यागी ने बदायूं में दो चचेरी बहनों के साथ कथित बलात्कार और उनकी हत्या के चर्चित मामले का जिक्र करते हुए कहा कि तीनों आरोपियों को झूठ पकडने वाली मशीन से परीक्षण कराने सहित सीबीआई द्वारा कराए गए विभिन्न वैज्ञानिक परीक्षणों में निर्दोष पाया गया है. उन्होंने कहा कि बदायूं की घटना में भी एक केंद्रीय मंत्री ने राज्य की सरकार को बर्खास्त करने की मांग की थी.

उन्होंने उत्तर प्रदेश के कैराना में भी दो लडकियों के साथ कथित सामूहिक बलात्कार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कई नेता इसे भी सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं.

त्यागी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों सहित विभिन्न दलों के बडे नेताओं को ऐसे मामलों में संयंमित व्यवहार करना चाहिए और ऐसे अनावश्यक बयान नहीं देना चाहिए जिनसे सांप्रदायिक सौहार्द पर असर पडे.

माकपा की टी एन सीमा ने केरल के निर्भया आश्रय स्थल में रहने वाली तथा यौन उत्पीडन की शिकार हुई दो लडकियों के गायब होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है. उन्होंने कहा कि इन दोनों लडकियों के गायब होने से कुछ ही दिन पहले वह अपराधी जमानत पर जेल से छूटा है जिस पर इन लडकियों का यौन उत्पीडन करने का आरोप है.

सीमा ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं और लडकियों के साथ हो रहे यौन उत्पीडन एवं बलात्कार की घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को ऐसी पीडित लड़कियों के लिए बनाए गए आश्रय स्थलों के बारे में तुरंत कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि इनमें से कई आश्रय स्थल पंजीकृत भी नहीं हैं.

शून्यकाल में ही भाजपा के सत्य नारायण जटिया ने भी इस बात पर विशेष जोर दिया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में फौरन कार्रवाई हो और उन्हें जल्दी न्याय मिल सके.

उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में देर से न्याय मिलने के कारण उनके साथ अन्याय होता है. उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए बने कार्यक्रमों को भी जल्दी कार्यान्वित किए जाने की मांग की.

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