मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के चुनाव से पहले किये गये दावे ‘मी पुन्हा येईं’ (मैं वापस लौटूंगा) पर रविवार को कटाक्ष किया. इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई मीम्स बनाये गये थे. इसी के साथ ही उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि शिवसेना कभीभी हिंदुत्वकी विचारधारा से पीछे नहीं हटेगी. मैंने पिछले पांच वर्षों में कभी सरकार को धोखा नहीं दिया है.
महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल के नेता फडणवीस को रविवार को विधानसभा में नेता विपक्ष बनाया गया. विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने सदन में इस आशय की घोषणा की. फडणवीस को एक मित्र बताते हुए ठाकरे ने कहा कि वह उन्हें विपक्षी नेता के रूप में नहीं देखते हैं. ठाकरे ने अपने बधाई संदेश में कहा, मैंने कभी नहीं कहा कि कि मैं वापस लौटूंगा, लेकिन मैं इस सदन में आया. उन्होंने कहा, मैं सदन और महाराष्ट्र के लोगों को आश्वस्त कर सकता हूं कि मैं कुछ भी आधी रात को नहीं करूंगा. मैं लोगों के हितों के लिए काम करूंगा.
ठाकरे के इस कटाक्ष को फडणवीस और राकांपा प्रमुख अजित पवार के तीन नवंबर की सुबह जल्दबाजी में शपथ लिये जाने के संबंध में देखा जा रहा है. सदन से किसानों की समस्याओं को कम करने की सदन से अपील करते हुए ठाकरे ने कहा, इस सरकार का उद्देश्य न केवल किसानों का कर्जा माफ करना है, बल्कि हमें उनकी परेशानियों को भी कम करने की जरूरत है. शिवसेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है कि देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी मित्रता है. ठाकरे ने कहा, मुझे यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं होगा कि हम लंबे समय से अच्छे मित्र हैं. अगर आपने हमारी बात सुनी होती तो मैं घर पर बैठकर आज के घटनाक्रम को टीवी पर देख रहा होता.
राकांपा नेता जयंत पाटिल ने फडणवीस पर निशाना साधा. पाटिल ने कहा, उन्होंने (फडणवीस) कहा कि वह लौटेंगे, लेकिन यह नहीं बताया कि वह (सदन) में कहां बैठेंगे. पाटिल ने कहा, अब वह वापस लौट आये हैं और (विपक्ष के नेता) के शीर्ष पद पर है जो मुख्यमंत्री पद के समान है. राकांपा नेता ने विश्वास जताया कि फडणवीस ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार को हटाये जाने के किसी भी प्रयास का हिस्सा नहीं होंगे.