नयी दिल्ली: उर्वरक मंत्रालय ने पेट्रोलियम मंत्रालय से यूरिया विनिर्माण संयंत्रो के लिए गैस की आपूर्ति बढाने की मांग की है और वह फूलपुर (उत्तर प्रदेश) से हल्दिया (पश्चिम बंगाल) के बीच गैस पाइपलाइन की संभावना भी तलाशना चाहता है. इससे पांच बंद यूरिया संयंत्रो का पुनरोद्धार हो सकता है. उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कल इस मुद्दे पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की.
इस बैठक के दौरान कई मुद्दों मसलन यूरिया कारखानों को गैस की आपूर्ति, यूरिया संयंत्रों के पुनरोद्धार तथा तीन कंपनियों एमसीएफएल, एमएफएल व एसपीआईसी को गैस की आपूर्ति के लिए गैस पाइपलाइन पर विचार विमर्श किया गया. कुमार ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के फूलपुर से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक 10,000 करोड रुपये की लागत से गैस पाइपलाइन पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है.
इसके बाद हम सिंदरी, बरौनी, हल्दिया, गोरखपुर व दुर्गापुर उर्वरक कारखानों का पुनरोद्धार कर सकेंगे.’ उर्वरक मंत्री ने कहा कि इसके अलावा दो अन्य यूरिया कारखानों तलचर व रामागुंडम का पुनरोद्धार कार्य चल रहा है. देश में उत्पादित गैस के सबसे बडे ग्राहक उर्वरक संयंत्र हैं. उर्वरक संयंत्र प्रतिदिन 3.15 करोड घनमीटर गैस का इस्तेमाल करते हैं.
कुमार ने कहा, ‘हमने पेट्रोलियम मंत्रालय से गैस की सीमा बढाने को कहा है. यहां तक कि पिछले तीन महीनों में तो हमें दैनिक 3.15 करोड घनमीटर गैस की आपूर्ति भी नहीं की गई है. हमने आग्रह किया है कि गैस की आपूर्ति में जो भी कमी है उसे आगामी दिनों में पूरा किया जाए. इस बैठक में तीन यूरिया कंपनियों मेंगलूर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (एमसीएफएल), मद्रास फर्टिलाइजर्स (एमएफएल) तथा एसपीआईसी को गैस की आपूर्ति के मुद्दे पर भी विचार विमर्श हुआ. अभी तक ये संयंत्र कच्चे माल के रुप में नाफ्था का इस्तेमाल कर रहे हैं.