पुणे : मालिन गांव में हुए भूस्खलन में अब तक 106 शवों को निकाला जा चुका है. खराब मौसम, बारिश के बावजूद राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआएफ) के कर्मियों ने पांचवे दिन अभियान जारी रखा. जिला नियंत्रण कक्ष ने आज बताया कि मरने वालों में 43 पुरुष, 48 महिलाएं और 15 बच्चे हैं.
पुष्ट आकलन के मुताबिक मलबे में 160 लोगों के फंसे होने की आशंका जतायी गयी थी. 30 जुलाई को हुए हादसे के बाद पांचवे दिन भी राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के कर्मी भारी मलबे को हटाने के काम में जुटे रहे. मृतकों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया.
उन्होंने बताया कि बचाव कार्य वर्षा और कीचड़ से प्रभावित है लेकिन यह गांव में बिना रुके जारी है. उन्होंने बताया कि बचाव अभियान की गति धीमी है क्योंकि मलबे में अभी भी जिंदा बचे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत एहतियात बरता जा रहा है.
उन्होंने बताया कि करीब डेढ सौ लोग अभी भी कीचड और चट्टानों के भारी मलबे में फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह राहत एवं बचाव अभियान का निरीक्षण करने के लिए आपदा स्थल पर हैं.
पश्चिमी महाराष्ट्र में पुणे जिला मुख्यालय से करीब 120 किलोमीटर दूर अंबेगांव तालुका में एक एक पहाडी की तलहटी में बसा मालिन गांव में करीब 44 मकान कल सुबह पहाडी का एक बडा हिस्सा धसक जाने से जमींदोज हो गए थे.
मलबा साफ करने और मृतकों और बचे लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए बडी संख्या में जेसीबी मशीन, डम्पर और एंबुलेंस को सेवा में लगाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल इस आपदा में हुई जनहानि पर संवेदना जतायी और सिंह से कहा कि वह तत्काल पुणे जायें और स्थिति का जायजा लें.