नयी दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सी-सेट के मुद्दे पर फैसला टालने के आरोप में जदयू सहित कई विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है. विरोधी दलों ने मांग की है कि इस मामले पर जल्दी फैसला लिया जाये. जबकि सरकार की और से प्रकाश जावेडकर ने एस मुद्दे पर जल्दी ही गौर किये जाने का आश्वासन दिया है.
राज्यसभा में जदयू के शरद यादव ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने उच्च सदन में बयान दिया था कि यूपीएससी मुद्दे का समाधान सात दिनों के भीतर कर लिया जाएगा.उन्होंने कहा कि मंत्री को बयान दिये हुए छह दिन हो गये हैं और सरकार को बताना चाहिए कि क्या वह कल तक इसका समाधान निकाल लेगी.
उन्होंने कहा कि यह केवल हिंदी भाषी बच्चों से जुडा मामला नहीं है बल्कि सारे देश की क्षेत्रीय भाषाएं इससे जुडी हैं. उन्होंने सरकार को आगाह किया कि मामले को बिगाड़िये मत. यह आंदोलन पूरे देश में फैल सकता है.
यादव ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर भूख हडताल कर रहे बच्चों को आश्वासन देकर उनका अनशन समाप्त करा दिया लेकिन सरकार ने अभी तक अपने आश्वासन की दिशा में कुछ भी नहीं कहा.
भाजपा के विजय गोयल ने उनकी इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि जब इस मामले में गृहमंत्री का बयान आ चुका है तो अब इस मुद्दे को फिर से उठाने की जरुरत नहीं है.
सी-सैट को लेकर जारी छात्रों का विरोध प्रदर्शन के पीछे कारण है कि परीक्षा के सवाल अंग्रेजी में तैयार किये जाते हैं. लेकिन जब उन सवालों का हिंदी अनुवाद किया जाता है, तो वे इस तरह से अनुवाद किये जाते हैं कि उनका जवाब देना हिंदी भाषी छात्रों के लिए मुश्किल हो जाता है.
यही कारण है कि हिंदी भाषी छात्र सी-सैट परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. यूपीएससी की परीक्षा प्रणाली में 2010 में बदलाव किया गया है. 2011 में सीसैट परीक्षा प्रणाली शुरू की गयी थी.