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जेटली ने दी करदाताओं को राहत

नयी दिल्ली: सरकार ने देश में औद्योगिक गतिविधियों व रोजगार को बढावा देने के लिए कर की दरों को हल्का रखने की प्रतिबद्धता जताते हुये ऋण पत्रों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड उद्योग और आय कर दाताओं के लिए कुछ राहत की आज घोषणाएं कीं. लोकसभा में आज वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब […]

नयी दिल्ली: सरकार ने देश में औद्योगिक गतिविधियों व रोजगार को बढावा देने के लिए कर की दरों को हल्का रखने की प्रतिबद्धता जताते हुये ऋण पत्रों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड उद्योग और आय कर दाताओं के लिए कुछ राहत की आज घोषणाएं कीं.

लोकसभा में आज वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ऋण म्यूचुअल फंड पर प्रस्तावित 20 प्रतिशत की उंची कर की दर अब एक अप्रैल 2014 से नहीं बल्कि बजट पेश होने के दिन 10 जुलाई से लागू होगी. उन्होंने देरी से आय कर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को जुर्माने के मामले में कुछ राहत पहुंचाने की घोषणा की. जेटली ने कहा कि वह पिछली तिथि से नए कारारोपण के विरद्ध कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कुछ अन्य सदस्यों के सुझाव को स्वीकार करते हैं क्यों संबंधित प्रस्ताव से करारोपण तीन माह पीछे से प्रभावी हो गया था.

देर से रिटर्न दाखिल करने और उसपर प्रतिदिन के आधार पर जुर्माना भरने वाले कर दाताओं को कुछ राहत प्रदान करते हुए जेटली ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को ऐसे मामलों में अपने विवेक से फैसला लेने का अधिकार दिया जायेगा. वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने वर्ष 2014–15 के वित्त विधेयक को पारित कर दिया. इसके साथ ही लोकसभा में आम बजट पारित होने की प्रक्रिया पूरी हो गई.

वित्त मंत्री ने चर्चा में भाग लेने वाले अपनी ही पार्टी के सदस्य निशिकांत दुबे के इस आशंका को निमरूल बताया कि कालाधन के बारे में सरकार ने जो नीति अपनायी है उससे जिंदगी भर भी कालाधन लौटने की उम्मीद नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनकी दीर्घायु की कामना करता हूं लेकिन साथ ही उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि उन्हें बहुत लम्बे समय तक प्रतीक्षा :विदेशों से कालाधन लाने की: नहीं करनी पडेगी.’’

निम्न कर दरों वाले ढांचे और सरल कर प्रणाली की वकालत करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार निवेशकों का भरोसा बहाल करना चाहती है जो डगमगा गया था. उन्होंने कहा कि निम्न कर दरों से औद्योगिक गतिविधियों को बढावा मिलेगा जिससे रोजगार के अवसर बढेंगे और सामाजिक कल्याण की गतिविधियों को बढावा देने के लिये अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध होंगे.

उन्होंने कहा कि निम्न कर ढांचे से भारतीय सामान प्रतिस्पर्धी बनेंगे और इस संबंध में उन्होंने चीन का उदाहरण भी दिया.जेटली ने कहा कि वित्त विधेयक में प्रस्तावित बदलाव से कर ढांचे को सरल और सहज बनाने के साथ अधिक राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी, क्योंकि हमें राजकोषीय घाटे को कम रखने के लिए इस वर्ष अधिक राजस्व की जरुरत है.

देर से आयकर रिटर्न भरने वाले लोगों के लिए नियमों में राहत के अपने प्रस्ताव के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि देर से आयकर रिटर्न भरने के मामले में एक प्रावधान है जो कि काफी कष्टकारी हो जाता है क्योंकि इसमें प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाता है. इसमें छूट देने का भी कोई अधिकार नहीं है.’’ जेटली ने कहा, ‘‘ऐसे में यदि कोई कहता है कि उसने एक साल बाद रिटर्न दाखिल की है तो फिर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना काफी अधिक हो जाता है. ऐसे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड :सीबीडीटी: को देरी से रिटर्न दाखिल करने वाले मामलों में अपने विवेक से कुछ फैसला करने का अधिकार दिया गया है.

हालांकि जुर्माने का प्रावधान इसमें बना रहेगा.’’ निपटान आयोग के प्रस्ताव पर जेटली ने कहा, ‘‘यह ऐसे मामलों को देखेगा जहां नये सिरे से आकलन की प्रक्रिया शुरु की गई है. ऐसे मामले जहां किसी न्यायाधिकरण अथवा आयुक्त के आदेश के बाद नये सिरे से आकलन करना लंबित है.’’ जेटली ने कहा, ‘‘हमारी सरकार कर की उंची दरें रखने की पक्षधर नहीं है. उपभोक्ता उत्पाद खरीदना चाहते हैं, कर नहीं. आप यद िसभी वस्तुओं पर ज्यादा कर लगायेंगे, तब आपका उत्पाद कम प्रतिस्पर्धी हो जायेगा.’’ उन्होंने कहा कि चीन ने कम लागत के उत्पाद की कला सीख ली है.

कर मामलों से जुडे कानूनी विवादों की बढती संख्या में कमी लाने को लेकर जेटली ने कहा कि ट्रांसफर प्राइसिंग से जुडे विवादों के निपटान के लिये ‘एडवांस रुलिंग’ की और पीठें स्थापित करने का प्रस्ताव है.

पवन उर्जा क्षेत्र को गति देने के इरादे से उन्होंने क्षेत्र के लिये ‘एक्सीलरेटेड डिप्रिशिएसन बेनिफिट’ योजना का विस्तार किये जाने की घोषणा की. कर रियायातों पर सदस्यों की चिंता दूर करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इससे अंतत: फायदा उपभोक्ताओं को होता है और घरेलू उत्पाद की कीमतें प्रतिस्पर्धी होती हैं.जेटली ने कहा कि उन्होंने वाहन और पूंजीगत उत्पादों पर रियायती शुल्क की अवधि दिसंबर तक बढा दी है ताकि विनिर्माण क्षेत्र को बढावा दिया जा सके. पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने 30 जून तक के लिए यह रियायत दी थी.

उन्होंने कहा ‘‘हम ऐसी स्थिति तैयार करना चाहता हैं कि जहां उद्योगों के रझान पर प्रतिकूल प्रभाव हुआ है वह ठीक हो जाए. उद्योग समर्थक होने और गरीब समर्थक होने में कोई अंतर्विरोध नहीं है. जब अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन ठीक होगा तभी हम निचले तबके का ध्यान रख सकते हैं जो 30 प्रतिशत है.’’ जेटली ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज किया कि सरकार कंपनियों के फायदे के लिए कर रियायत दे रही है. उन्होंने कहा कि यह गलत धारणा है, कर रियायत से मूल्य कम होता है और आखिरकार इससे उपभोक्ताओं को रियायत मिलती है.

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