नयी दिल्ली:दिल्ली की एक आदालत ने अपने एक अहम में फैसले प्रवासी भारतीय कोआदेश दिया कि वो अपनी पत्नी को हर महीने 50 हजार रुपये का गुजारा भत्ता दे.साथ ही पत्नी को मानसिक,आर्थिक एवं शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करने के कारण पांच लाख रुपये का मुआवजा दे.
मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट रिचा परिहार ने कहा कि दुबई में कार्यरत उस व्यक्ति की यह जिम्मेदारी बनती है कि वो अपनी पत्नी के भरण पोषण का खर्च उठाये जो कि बेरोजगार है.उसकी नौकरी उसके पति द्वारा की गयी घरेलू हिंसा के कारण ही गयी है.अदालत ने कहा,तथ्यों और परिस्थितियों का विवेचन कर तथा वादी एवं प्रतिवादी के रहन सहन के स्तर को ध्यान में रखकर यह आदेश दिया जाता है कि प्रतिवादी पति, वादी पत्नी को 50 हजार रुपये मासिक गुजारा भत्ते के तौर पर अदा करे ताकि वह अपने रोजमर्रा के खर्चे और किराया तथा अन्य खर्चे पूरे कर सके।
अदालत ने यह भी बताया कि मयूर विहार निवासी इस महिला को तीन साल तक लगातार पति के हाथों घरेलू हिंसा झेलनी पड़ी जिससे महिला और उसके मायके वालों को मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी और महिला को अपने रोजगार से हाथ धोना पडा। इसलिये वह महिला को पांच लाख रुपये का मुआवजा दे.
महिला का विवाह मई 2011 में हुआ था.विवाह के बाद महिला पति के साथ दुबई चली गयी थी जहां पति ने उसे काफी प्रताडित किया.2013 में महिला ने उसके खिलाफ दुबई में तलाक का मामला दर्ज किया जिसके बाद उसने भारत आकर उसके खिलाफ तलाक का मामला दर्ज किया.