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देश में गिर रहा फर्टिलिटी रेट, इधर, बिहार में प्रजनन दर ज्यादा, तीसरे स्थान पर झारखंड, दिल्ली सबसे पीछे
महिलाओं में भी प्रजनन दर यानी टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) में बड़ी तेजी से गिरावट आ रही है. वहीं, बिहार और यूपी जैसे राज्यों में अभी भी महिलाओं की प्रजनन दर भारत में सबसे अधिक है. यह राष्ट्रीय औसत का करीब दो तिहाई और केरल और दिल्ली का लगभग दोगुना है. यह जानकारी 2017 के […]
महिलाओं में भी प्रजनन दर यानी टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) में बड़ी तेजी से गिरावट आ रही है. वहीं, बिहार और यूपी जैसे राज्यों में अभी भी महिलाओं की प्रजनन दर भारत में सबसे अधिक है. यह राष्ट्रीय औसत का करीब दो तिहाई और केरल और दिल्ली का लगभग दोगुना है. यह जानकारी 2017 के लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के जुटाये सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम से मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में फर्टिलिटी रेट 2.2 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गयी है. यह 2013 से लेकर 2016 के बीच चार साल के दौरान 2.3 फीसदी पर टिकी हुई थी. बिहार में यह 3.41 है, जो देश में सर्वाधिक है.
प्रजनन दर में तीसरे स्थान पर झारखंड, दिल्ली सबसे पीछे
शहरी क्षेत्रों में आयी भारी गिरावट
बच्चे पैदा करने वाले महिलाओं की संख्या में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है. 1991-2017 के दौरान टीएफआर 3.6 से घटकर 2.2 पर आ गया. 1971-1981 की अवधि में राष्ट्रीय टीएफआर 5.2 से घटकर 4.5 पर आ गया था. शहरी क्षेत्रों में, 1971 से 2017 तक टीएफआर 4.14 से घटकर 1.7 पर आ गया है, जबकि इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में इसी गिरावट 5.4 से 2.4 हो गयी है.
शिक्षा को माना गया मुख्य कारण
प्रजनन क्षमता में गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक शिक्षा को माना गया है. खासतौर से महिलाओं की शिक्षा. राष्ट्रीय स्तर पर, 14.7% महिला आबादी निरक्षर है. बिहार में महिला निरक्षता 26.8%, जबकि केरल में 0.7% दर्ज किया गया है.
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