नयी दिल्ली : देश में आज महिलाओं के प्रति दिनों दिन हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही है. उत्तर प्रदेश इसका उदाहरण है. यूपी में रोजाना बलात्कार और हत्या की घटना खबरों में बनी रहती है. देश के कई इलाकों में तो लड़कियों को धरती में पांव रखने से पहले ही मार दिया जा रहा है.
बढ़ती भ्रूण हत्या के चलते देश के कई हिस्सों लिंगानुपात में काफी कमी आयी है. दिनों-दिन लड़कियों की संख्या में कमी आती जा रही है. हरियाणा में स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि वहां अब कुवांरों की संख्या में इजाफा होने लगा है. राज्य के बाहर से लड़कियों को लाकर ब्याह किया जा रहा है.
वैसे झारखंड के प. सिंहभूम का चाईबासा स्थित कंसरा गांव आज पूरे देश के लिए मिशाल बन गया है. यहां मां-बाप प्रतिदिन बेटी और बेटे के पांव छूते हैं. लड़कियों के प्रति सम्मान के कारण कंसरा गांव में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है. देश के दूसरे हिस्सों में जहां बेटियां कोख में ही मार दी जा रही हैं. निश्चित तौर पर यह गांव पूरे देश के लिए मिसाल है. इस गांव में बेटियां बोझ नहीं बल्कि पूजी जाती हैं.
गांव वालों के अनुसार यह प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. लोगों के अनुसार परंपरा के विपरीत यहां मां-बाप को न पूज कर बेटे-बेटियों को पूजा जाता है. कंसरा में बेटियों को देवी लक्ष्मी का रूप मानकर पूजा किया जाता है और उससे संपन्नता का आशीर्वाद लिया जाता है.