श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि परमाणु हमले की धमकी कोई ‘पबजी’ गेम नहीं है, जिसमें जिंदगी सामान्य बनाने के लिए कोई रीसेट बटन दबा सकें.
उमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बयानों की आलोचना करते हुए यह टिप्पणी की. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर रविवार को एक चुनावी रैली में मोदी के उस बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे थे जिसमें प्रधानमंत्री ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा था कि भारत के परमाणु बम दीपावली के लिए नहीं रखे हैं.
मोदी के बयान पर पीडीपी प्रमुख महबूबा ने सोमवार को बयान दिया कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार ईद के लिए नहीं रखे हैं. उमर ने दोनों नेताओं के बयान की आलोचना की. एनसी नेता ने एक ट्वीट में कहा, चाहे दीपावली हो या ईद, पीएम मोदी और मिस मुफ्ती दोनों ने परमाणु हमले की बात को ऐसे इस्तेमाल किया है जैसे यह ‘पबजी’ जैसा कोई गेम हो, जिसमें वे रीसेट बटन दबाएंगे और जिंदगी फिर से चल पड़ेगी.
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ऐसी धमकियां जारी करते वक्त दोनों को हिरोशिमा और नागासाकी याद कर लेना चाहिए. मोदी ने रविवार को कहा था, भारत ने पाकिस्तान की धमकी से डरने की नीति को छोड़ दिया, ये ठीक हुआ ना? आप भी यही चाहते हैं ना? वर्ना आये दिन हमारे पास न्यूक्लियर बटन है…न्यूक्लियर बटन है…यही कहते थे न…हमारे अखबार वाले भी लिखते थे कि पाकिस्तान के पास न्यूक्लियर है…हमारे पास क्या है भाई…ये दिवाली के लिए रखा है क्या…?
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर महबूबा ने कहा, अगर भारत ने परमाणु बम दिवाली के लिए नहीं रखे हैं तो जाहिर है कि पाकिस्तान ने भी इन्हें ईद के लिए नहीं रखा है. पता नहीं मोदी इतना नीचे क्यों गिर जाते हैं और राजनीतिक विमर्श को इस स्तर तक ला देते हैं.
अपने बयान की सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना के जवाब में पीडीपी प्रमुख ने कहा कि यह परेशान करने वाली बात है कि महात्मा गांधी का भारत खून का प्यासा हुआ जा रहा है.