श्रीनगर/नयी दिल्ली:पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अपने नये सदस्यों को प्रशिक्षण के तहत ‘कसाब कक्षा’ का आयोजन कर रहा है, जिसमें आतंकवाद की राह पकड़नेवाले युवकों को समझाया जा रहा है कि वे मुंबई हमले के दौरान जिंदा पकड़े गये आतंकी अजमल कसाब को गलतियों को नहीं दोहराएं. सूत्रों के अनुसार, लश्कर आतंकी मोहम्मद नवीद जट्ट उर्फ अबू हंजाला से पूछताछ में यह बात सामने आयी है. हंजाला पाकिस्तान के मुल्तान शहर का रहनेवाला है. उसे दक्षिणी कश्मीर में पिछले माह के तीसरे सप्ताह में पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
जमात-उद-दावा लश्कर का मुखौटा
सूत्रों ने कहा कि अपनी पृष्ठभूमि के बारे में अबू हंजाला ने जांच अधिकारियों को बताया कि उसके पिता सेना से सेवानिवृत्त ड्राइवर हैं. वह एवं उसके भाई जमात-उद-दावा की ओर से संचालित मदरसों में गये. जमात-उद-दावा लश्कर का मुखौटा संगठन है. हंजाला लश्कर का पहला ऐसा आतंकी है, जिसने पूछताछ में बताया कि वह कसाब से मिल चुका है. दक्षिणी कश्मीर में कई पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी हंजाला ने कथित तौर पर कहा कि वह मुल्तान जिले में लश्कर के बोरेवाला सहीवाला शिविर में कसाब से मिला था. कसाब के पिता इसी मदरसे में कसाई थे. हंजाला ने याद किया कि कसाब शुरुआती बातचीत में आत्मकेंद्रित दिखा, जो मुंबई हमले से कुछ माह पहले लश्कर के आतंकी शिविर में दाखिल हुआ था.
वीडियो के जरिए दे रहे प्रशिक्षण
हंजाला ने यह भी बताया कि लश्कर के शीर्ष आतंकी नये युवकों को वीडियो प्रस्तुति देते हैं, जिसमें ‘दौर-ए-सूफा’ (धार्मिक भावना से जुड़ा प्रशिक्षण) के दौरान कसाब की गलतियों का उल्लेख किया जाता है. इसमें जिन गलतियों का जिक्र होता है, उनमें नौका नष्ट करने में कसाब एवं उसकी टीम की नाकामी, सेटेलाइट फोन से असली पहचान के साथ बातचीत करना, बंधक बनाने में अक्षमता और पकड़े जाने की बातें शामिल है.