नयी दिल्ली : सरकार विभिन्न इलाकों और समूहों के लोगों की कद-काठी को नापने का काम शुरू करने जा रही है. यह अभियान अगले महीने से शुरू हो जाने जा रहा है. इसका मकसद भारतीयों की कद-काठी को लेकर एक व्यापक चार्ट तैयार करना है. इस चार्ट को देश का परिधान उद्योग उपयोग में लाया जा सकता है. इससे देश के परिधान उद्योग को गति मिलने की उम्मीद है. विभिन्न समूह के लोगों के शरीर को मापकर एक मानकीकृत चार्ट तैयार करने के लिए अत्याधुनिक मशीन का उपयोग किया जायेगा.
कपड़ा सचिव राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि हम दो कारणों से भारतीयों की कद-काठी को मापना चाहते हैं. इससे हमारे खुदरा बाजार को मजबूती मिलेगी. हम विदेशी कंपनियों को भी प्रभावित करेंगे. हम इस अभियान को मार्च में शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही परियोजना को पूरा करने की कोशिश कर रही है, ताकि रेडिमेड कपड़ा बनाने वाले परिधान उद्योग के लिये घरेलू आबादी की कद-काठी के हिसाब से मानकीकृत आकार के कपड़े तैयार किये जा सकेंगे.
सिंह के अनुसार, यह कदम काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि निकट भविष्य में देश का खुदरा बाजार चीन के बाजार के साथ दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बनने जा रहा है. सचिव ने कहा कि हमने ‘साइज इंडिया’ परियोजना शुरू की है. फिलहाल, अमेरिकियों और ब्रिटेन के लोगों की कद-काठी का आकार है, लेकिन भारतीयों का नहीं है. हमें वही पहनना है, जो हमें मिलता है. इसीलिए हमने एनआईएफटी के जरिये मशीन के आदेश दिये हैं, जो इस महीने आ जायेगी.
परियोजना के तहत सरकार देश के छह क्षेत्रों के छह शहर कोलकाता (पूर्वी), मुंबई (पश्चिम), नयी दिल्ली (उत्तरी), हैदराबाद (मध्य भारत), बेंगलुरू (दक्षिण) तथा शिलांग (पूर्वोत्तर) में 25,000 पुरुष और महिलाओं के शरीर की नाप करवायेगी. इसमें शरीर नापने के लिए 3डी स्कैनर तथा कंप्यूटर का उपयोग किया जायेगा.