नयी दिल्ली: इराक संकट ने भारत सरकार के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर दी है. सरकार के लिए भारतीयों को सुरक्षित वापस लाना किसी चुनौती से कम नहीं है. सरकार का कहना है कि वह आतंकियों के द्वारा बंधक बनाये गये 39 भारतीयों को छुडाने का प्रयास कर रही है. इसी बीच खबर आ रही है कि वहां एक भारतीय का निधन हो गया है. इस खबर का तथ्य का पता लगाने की सरकार पूरी कोशिश कर रही है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिणी इराक में एक भारतीय का दिल का दौरा पडने से निधन होने की खबर की पुष्टि के लिए भारत वहां के भारतीय मिशन से संपर्क में हैं लेकिन अभी तक संबंधित कंपनी से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि हो सकता है, संबंधित कंपनी प्रक्रिया को पूरा कर रही हो और उसके बात सूचित करे. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण बात हुई है तो मानक प्रक्रिया के तहत उसके पार्थिव शरीर को भारत लाने के लिए सभी तरह की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘लेकिन, फिलहाल मैं इसकी :निधन की: पुष्टि नहीं कर सकता हूं.’’ नजफ में दिल का दौरा पडने से एक भारतीय के निधन संबंधी खबरों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में प्रवक्ता ने उक्त बातें कहीं. इराक में फंसे भारतीयों द्वारा स्वदेश वापसी के लिए मदद मांगे जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने बताया कि ऐसे 120 लोगों ने भारतीय दूतावास और 300 अन्य ने यहां सहायता के लिए गठित नियंत्रण कक्ष से ऐसा आग्रह किया है.
सुन्नी चरमपंथियों के कब्जे में आए मोसुल शहर में 40 भारतीयों को बंधक बना लिया गया है जिनमें से एक अपहर्ताओं के चंगुल से भाग निकला है. उसने भारत के अधिकारियों को अपहर्ताओं के बारे में कई सूचनाएं उपलब्ध कराई हैं. बंधक बनाए गए भारतीयों को छुडाने के लिए भारत इंटरनेशनल रेड क्रेसेंट, इराक सरकार, क्षेत्र के विभिन्न देशों, इराकी अधिकारियों, वहां स्थित संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन और विभिन्न मानवीय एजेंसियों से मदद की गुहार पहले ही लगा चुका है.
प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय दूतावास के अधिकारी उन 12 बडी कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं, जिन्होंने भारतीयों को नियुक्त कर रखा है. इनमें से कुछ जाना चाहते हैं लेकिन कुछ को प्रक्रियागत, श्रम एवं नियोक्ता-कर्मचारी से जुडे मुद्दों का सामना करना पड रहा है. उन्होंने कहा कि ये सब कुछ स्थानीय कानूनों के अनुरुप ही किया जाना है. इराक में अल कायदा समर्थित सुन्नी उग्रवादियों ने दो महत्वपूर्ण शहरों पर कब्जा कर लिया है और वे बगदाद की ओर बढ रहे हैं. हजारों इराकी इस जंग से विस्थापित हो गये हैं. सुन्नी उग्रवादियों ने संघर्ष 10 जून को छेडा था.
सूत्रों ने बताया कि सरकार 47 नर्सों के लगातार संपर्क में है. ये नर्सें हिंसा प्रभावित तिकरित के एक अस्पताल में फंसी हैं. नसो’ को अस्पताल में ही खाना उपलब्ध कराया जा रहा है. हिंसा प्रभावित खाडी देश में 120 भारतीय हिंसा प्रभावित इलाकों में फंस गए थे. इनमें से 16 को सुरक्षित निकाल लिया गया है. अपहृत भारतीयों में से एक अपहृताओं के कब्जे से भागने में कामयाब रहा. अब हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में 47 नर्सों सहित 103 भारतीय फंसे हैं जबकि 39 भारतीय बंधक बनाये गये हैं.