नेशनल कंटेंट सेल
बुधवार का दिन प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के लिए ऐतिहासिक होने वाला है. इस दिन मंदिर मासिक पूजा के लिए खुल जायेगा. लेकिन, पट खुलना मंदिर के लिए कोई ऐतिहासिक घटना नहीं है. ऐतिहासिक तो है मंदिर में महिलाओं का प्रवेश. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार महिलाएं भी मंदिर में प्रवेश करेंगी.
हालांकि, इस पर विवाद अभी गरमाया हुआ है. पूरे राज्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध हो रहा है. इस विरोध में पंडलम शाही परिवार के सदस्य और पुजारी भी शामिल हैं. भाजपा फैसले के खिलाफ चल रहे अभियान का नेतृत्व कर रही है और सरकार से बातचीत के लिए इनकार कर चुकी है. जबकि, सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करना बेहद जरूरी है. इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी क्रम में त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) ने मंगलवार को एक और बैठक बुलायी है. बैठक में मंदिर के पुजारी, पंडलम शाही परिवार के सदस्य और अयप्पा सेवा संघ को भी आमंत्रित किया गया है. शाही परिवार और पुजारी ने कहा है कि वह बाद में अपना फैसला बतायेंगे.
भाजपा ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन में पूरी ताकत झोंक रखी है. भाजपा का आरोप है कि केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जल्दबाजी में लागू कर हिंदुओं की भावनाओं के साथ खेल रही है. भारी संख्या में हो रहे विरोध के कारण राज्य सरकार चिंतित है.
भाजपा ने निकाली जनरैली
कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को केरल राज्य सचिवालय की ओर मार्च किया. इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. उनके हाथों में भगवान अयप्पा की माला वाली तस्वीरें थीं. नेता से सांसद बने सुरेश गोपी, भारतीय धर्मा जनसेना के प्रमुख तुषार वेल्लापल्ली समेत राजग के कई वरिष्ठ नेता इस मार्च में आगे आगे चल रहे थे और उसकी अगुआई प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई कर रहे थे. पिल्लई ने कहा कि हम केरल में हर ग्रामीण से मिलेंगे और सबरीमाला मंदिर, उसकी सदियों पुरानी परंपराओं और भगवान अयप्पा के अनुयायियों की संवेदना की रक्षा करने के लिए व्यापक जनांदोलन की योजना तैयार करेंगे.
आज होगी प्रमुख पुराहितों की बैठक
त्राणवकोर देवास्वोम बोर्ड ने तांत्री (प्रमुख पुरोहित) परिवार, पंडलाम राजपरिवार व अयप्पा सेवा संघम समेत विभिन्न पक्षों की मंगलवार को बैठक बुलायी है. 17 नवंबर से शुरू हो रहे तीन महीने के तीर्थाटन सीजन की तैयारी के लिए बुलायी गयी इस बैठक में कोर्ट के फैसले पर भी चर्चा होने की संभावना है.
सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की फेसबुक पोस्ट पर भड़के हिंदू संगठन
केरल के कुन्नूर की रहने वाली रेशमा (32) की सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने संबंधी पोस्ट को लेकर राज्य में हंगामा मचा हुआ है. अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि कोर्ट के फैसले के बाद मैं भी वहां जाना चाहती थी. इसमें कुछ भी ऐसा नहीं है जिससे क्रांति हो जाये, इससे जो मंदिर जाना चाहते हैं, वे अपने मन की कर सकेंगे. उनका उत्साह बढ़ेगा. मैं मानती हूं कि पीरियड्स वैसे ही हैं, जैसे- शौच और शरीर से दूसरी गंदगी का निकलना. इस पर हिंदू संगठनों ने परिणाम भुगतने की धमकी दी है.