नयी दिल्ली : दुनिया के सात आश्चर्य में से एक ताजमहल में पीले पडते जा रहे सफेद संगमरमर की नैसर्गिक चमक को बहाल करने के लिए ‘मड पैक’ नुस्खा अपनाया जाएगा. एएसआई के सुपरिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट बी एम भटनागर ने कहा, ‘‘शहर में बढते प्रदूषण के कारण सफेद संगमरमर पीला होता जा रहा है और इसकी चमक भी खत्म हो रही है. स्मारक की प्राकृतिक सुंदरता बहाल करने के लिए एएसआई की रासायनिक शाखा मड-पैक नुस्खा आजमाने की शुरुआत कर रहा है.’’ यह प्रक्रिया उसी तर्ज पर है जैसे भारतीय महिलाएं अपने चेहरे को निखारने के लिए मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल करती हैं.
स्मारक के ‘फेसियल टरीटमेंट’ के तहत प्रभावित जगहों पर चूना युक्त चिकनी मिट्टी से प्लस्टर होगा और फिर इसे उतार लिया जाएगा. जैसे ही यह सूखेगा स्मारक पर धब्बा या मटमैला हिस्सा इससे पूरी तरह से धूल जाएगा. उन्होंने कहा कि इस दौरान सतह को 2 मिलीमीटर मिट्टी युक्त सामग्री से ढककर फिर नायलन की मुलायम ब्रशों से साफ किया जाएगा. इसके बाद डिस्टिल्ड वाटर से सतह से गंदगी दूर की जाएगी.
17 वीं सदी के संगमरमर को इसी नुस्खे से पूर्व में तीन बार चमकाया जा चुका है. पहली बार 1994 में फिर 2001 में और अंतिम बार 2008 में इस नुस्खे की बदौलत खोयी हुयी चमक वापस लायी गयी थी. अभी यह प्रक्रिया दस्तावेजीकरण चरण में है. सफेद संगमरमर के इस स्मारक को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था.