नयी दिल्ली : जैन मुनि तरुण सागर का शनिवार को सुबह निधन हो गया. 51 वर्षीय जैन मुनि लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में स्थित राधापुरी जैन मंदिर में सुबह करीब 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. 20 दिन पहले उन्हें पीलिया होने के बाद तरुण सागर को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था; जहां उनका इलाज चल रहा था लेकिन उनकी सेहत में सुधार नहीं हो रहा था. जैन मुनि ने सेहत में सुधार ना होने के बाद खाना पीना छोड़ दिया था. आइए जानते हैं जैन मुनि तरुण सागर के बारे में कुछ खास बातें…
1. ‘जैन मुनि तरुण सागर’ का असल नाम ‘पवन कुमार जैन’ है.
2. उनका जन्म 26 जून 1967, ग्राम गुहजी, जिला दमोह, राज्य मध्य प्रदेश में हुआ था.
3. उनके माता-पिता का नाम श्रीमती शांतिबाई जैन और प्रताप चन्द्र जैन था.
4. उनको जानने वालों की मानें तो उन्होंने 8 मार्च 1981 में घर छोड़ दिया था.
5. उनकी शिक्षा-दीक्षा छत्तीसगढ़ में हुई है.
6. उनके प्रवचन की वजह से इन्हें ‘क्रांतिकारी संत’ का की संज्ञा दी गयी थी.
7. उन्हें 6 फरवरी 2002 को म.प्र. शासन द्वारा’ राजकीय अतिथि ‘ का दर्जा मिला.
8. 2 मार्च 2003 को गुजरात सरकार ने उन्हें ‘राजकीय अतिथि’ के सम्मान से नवाजा था.
9. ‘तरुण सागर’ ने ‘कड़वे प्रवचन’ के नाम से एक बुक सीरीज स्टार्ट की थी, जिसके लिए वो काफी चर्चित रहते थे.