बदायूं : केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बदायूं बलात्कार-हत्याकांड को समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव के दुराचार विरोधी कानून के खिलाफ की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी का नतीजा बताते हुए कहा कि इस मामले की जांच दिल्ली के निर्भया कांड की तर्ज पर कराकर आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के लिये वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत करेंगे.
बदायूं के कटरा सादतगंज गांव में पीडित परिजनों से मुलाकात के बाद घटनास्थल पर संवाददाताओं से पासवान ने कहा इस मामले की सुनवाई दिल्ली के निर्भया कांड की तरह होनी चाहिये और दोषियों को अतिशीघ्र सजा मिलनी चाहिये. आरोपियों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो दूसरों के लिए उदाहरण हो. घटना की सीबीआइ जांच हो, जल्द कार्रवाई हो, इस सिलसिले में मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी बात करुंगा.
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष ने कहा अभी तक सपा सरकार का कोई भी मंत्री यहां नहीं आया है. इसके दो कारण नजर आते हैं, पहला यह कि या तो सपा के लोग यहां की जनता से डरे हुए हैं, या फिर आरोपियों की मदद कर रहे हैं. पूरा परिवार डरा हुआ है और गांव में स्थायी पुलिस शिविर होना चाहिए.
मुख्यमंत्री को गांव का दौरा करना चाहिए पासवान ने बदायूं की घटना को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के आपत्तिजनक बयान का नतीजा बताते हुए कहा मुलायम सिंह ने जो कहा था कि लड़कों से गलती हो जाती है, यह घटना उसी बयान का परिणाम है. मालूम हो कि मुलायम ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बलात्कार रोधी नये कानून का विरोध करते हुए कथित रुप से कहा था कि लडकों से गलती हो जाती है, इसके लिये उन्हें फांसी पर नहीं चढाना चाहिये.
पासवान ने बलात्कार की घटनाओं की बडी वजह घर में शौचालय नहीं होना भी बताया और कहा कि सुलभ शौचालय की व्यवस्था पूरे देश में होनी चाहिये. पासवान ने कहा कि करीब 15 मिनट की मुलाकात के दौरान परिजन ने राज्य सरकार से मुआवजा लेने से साफ इनकार करते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ इन्साफ चाहिये, और कुछ नहीं.
पासवान के साथ उनके पुत्र चिराग पासवान भी थे जो हाल ही में जमुई सीट से लोकसभा चुनाव जीत कर आए हैं और पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं.
चिराग ने कहा कि अगर सरकार बिजली पानी उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है तो कुछ हद तक बात समझ में आती है लेकिन कम से कम वह सुरक्षा तो उपलब्ध करा सकती है. अगर सरकार जीवन का अधिकार उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं हैं तो यह किस प्रकार की सरकार है. जीवन की सुरक्षा का अधिकार हर नागरिक का मूल अधिकार है और हर सरकार को इसे उपलब्ध कराना होगा.
गौरतलब है कि उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा सादतगंज क्षेत्र में गत मंगलवार की रात शौच के लिए गयी 14 तथा 15 साल की चचेरी बहनों के शव अगले दिन सुबह एक बाग में पेड पर फांसी से लटकते पाये गये थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर चढ़ाकर हत्या किया जाने की पुष्टि हुई थी.
इस मामले में दो पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. उनमें से पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है. दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीडित परिजन को पूरी सुरक्षा तथा पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे का एलान किया था, जिसे परिजन ने ठुकरा दिया था. मुख्यमंत्री ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गत शनिवार को जबकि बसपा अध्यक्ष मायावती ने कल परिजन से मुलाकात करके राज्य सरकार को कठघरे में खडा किया था.