आईओसी ने इस इस्तीफे का कारण नहीं बताया है पर जानकार सूत्रों ने कहा कि कई विषयों पर उनका कंपनी के प्रबंध तंत्र से मतभेद था. उनके अनुसार रे खास कर कंपनी की परियोजनाओं के बारे में निदेशक मंडल के सामने प्रस्ताव पेश करने के तौर तरीकों से खुश नहीं थे.
उनका कहना था कि प्रस्तावों पर फैसला पहले ही हो चुका होता है और निदेशक मंडल उनपर मुहर लगाने की औपचारिकता भर निभाता है. इस पर टिप्पणी के लिए रे से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वह मिल नहीं सके. वह जनवरी 2013 से फरवरी 2014 के बीच पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में सचिव थे.