नयी दिल्ली : न्यायाधीश बीएच लोया की मौत के मामले में जांच की मांग करनेवाली याचिकाओं को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले से असहमति जताते हुए कांग्रेस ने गुरुवारको कहा कि कई अनुत्तरित प्रश्नों के जवाबों के लिए निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
पार्टी ने भाजपा पर शीर्ष अदालत के आदेश से राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे लोगों की सच्चाई अपने आप सामने आ जाती है. राहुल गांधी ने कहा, भाजपा प्रमुख अमित शाह जैसे लोगों को बेनकाब करने का सच का अपना तरीका होता है. विपक्षी दल ने कहा कि यह बात दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा न्यायाधीश लोया की मौत पर भी सस्ती राजनीति कर रही है. भाजपा ने आरोप लगाया था कि जांच की मांग करनेवाली याचिकाओं के पीछे कांग्रेस अध्यक्ष का अदृश्य हाथ है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘एक दिन उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच के बाद न्यायाधीश लोया की मौत का सच जरूर सामने आयेगा.’ उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को अगर यह प्राकृतिक मृत्यु लगती है तो वे जांच से क्यों भाग रहे हैं.
सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को कहना चाहिए कि वह न्यायाधीश लोया की मौत के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच का आदेश देंगे.’ उन्होंने दावा किया कि पर्याप्त सामग्री ऐसी है जो उच्चतम न्यायालय के समक्ष नहीं रखी गयी है और निष्पक्ष जांच के बाद ही वह सामने आ सकती है. सुरजेवाला ने कहा, ‘यह भारत के इतिहास में बहुत दुखद दिन है. जिन संदिग्ध परिस्थितियों में लोया की मौत हुई, वह उन लोगों के लिए गहन चिंता का विषय है जिन्हें न्यायपालिका में भरोसा है. पूरे फैसले की प्रति अभी तक उपलब्ध नहीं हुई है. लेकिन, न्यायपालिका पर भरोसा करनेवालों के सामने अब भी सवाल हैं.’ उन्होंने मामले से जुड़े 10 सवाल उठाये और फैसले की निंदा करते हुए कहा कि जांच के माध्यम से ही आपराधिकता के मुद्दे पर फैसला आ सकता है.
राहुल गांधी ने ट्विटर पर कहा, ‘भारतीय बहुत बुद्धिमान हैं. अधिकतर भारतीय अमित शाह के बारे में सच को अच्छी तरह समझते हैं जिनमें भाजपा के लोग भी हैं. उनके जैसे लोगों का सच अपने आप सामने आता है.’ सुरजेवाला ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार के आचरण पर भी सवाल उठते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा का आरोप दुर्भावनापूर्ण प्रयास है जो सत्तारूढ़ पार्टी की निराशा झलकाता है. सुरजेवाला ने कहा, ‘इस पृष्ठभूमि में उच्चतम न्यायालय के फैसले से झूठी सहानुभूति जुटाने की भाजपा की कोशिशों की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए.’
इससे पहले दिन में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लोया मामले में स्वतंत्र जांच की मांगवाली याचिकाओं को खारिज करने का उच्चतम न्यायालय का फैसला और भी सवाल खड़े करेगा और जब तक इसका तर्कपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकलता, कई सवाल अनुत्तरित रहेंगे. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि न्यायमूर्ति लोया की मौत की परिस्थितियों पर चार न्यायाधीशों के बयानों पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है और रिकाॅर्ड में रखे गये दस्तावेज और उनके अध्ययन से साबित होता है कि मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी. न्यायाधीश लोया की नागपुर में एक दिसंबर, 2014 को कथित रूप से दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी थी. वह अपने एक सहकर्मी की बेटी के विवाह में गये थे. हालांकि, लोया के बेटे ने गत 14 जनवरी को कहा था कि उनके पिता की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी.