नयी दिल्ली : भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने आज कहा कि मेरे घर पर राजनाथ और गडकरी का आना एक शिष्टाचार था. उन्होंने मुझसे शिष्टाचार के नाते भेंट की. नाराजगी और मान-मनौव्वल जैसी कोई बात नहीं है.
गौरतलब है कि आज सुबह गडकरी और राजनाथ सिंह सुषमा स्वराज के निवास पर मिलने गये थे, उसके बाद वे मोदी से मिलने गांधीनगर चले गये. तब से ऐसी चर्चाएं तेज हो गयी थी कि सुषमा नाराज हैं.
केंद्र में सरकार बनने की संभावना से उत्साहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने संभावित सरकार और पार्टी से संबंधित मुद्दों पर आपस में चर्चा शुरु कर दी है.इन चर्चाओं में बीजद, अन्नाद्रमुक और एनसीपी सहित कुछ दलों से समर्थन लेने की संभावनाओं पर विचार हुआ. पार्टी पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि उसे किसी से समर्थन लेने में गुरेज नहीं होगा. उसने कहा है कि भाजपा एजेंडा का समर्थन करने वाले ऐसे दल के सहयोग का भी स्वागत होगा जिसमें सिर्फ एक ही सांसद होगा.राष्ट्रीय राजधानी में आज सुबह से ही पार्टी नेताओं की आपस में मुलाकातों की गहमा गहमी रही. भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह सुषमा स्वराज से मिलने उनके निवास गए.
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भी सुषमा से भेंट की. गडकरी इन दिनों पार्टी के भीतर के विभिन्न समूहों से विचार विमर्श करने में काफी सक्रिय हैं. कल उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की थी. वरिष्ठ नेता अरुण जेटली और अमित शाह ने भी 16 मई को आने वाले चुनाव के परिणामों से उभरने वाली स्थिति पर चर्चा की.
राजनाथ सिंह, जेटली और गडकरी के आज मोदी से मिलने की संभावना हैं राजग के सत्ता में आने पर भाजपा में परिवर्तन के भी कयास लगाए जा रहे हैं. पार्टी के सूत्रों का हालांकि मानना है कि राजनाथ सिंह पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे. वैसे ये चर्चाएं भी हैं कि गडकरी फिर से अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. गडकरी ने हालांकि ऐसी संभावना से इंकार करते हुए कहा है कि राजनाथ पार्टी की कमान संभाले रखेंगे.
सूत्रों के अनुसार आरएसएस ने भी सलाह दी है कि सरकार बनने की स्थिति में पार्टी को कमजोर नहीं होने दिया जाए और उसकी मजबूती और जोश में कमी नहीं आने दी जाए.