देश में आज नौकरी की क्या स्थिति है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र में काॅन्स्टेबल पद पर भर्ती के लिए आयोजित दौड़ में डॉक्टर, इंजीनियर समेत कई उच्च शिक्षा प्राप्त आवेदकों ने दौड़ लगायी.
इसके अलावा एलएलबी, इंजीनियरिंग और बीएड डिग्री धारकों ने भी बड़ी संख्या में आवेदन कर सबको हैरान कर दिया है. मालूम हो कि इस पद के लिए न्यूनतम योग्यता 12 वीं उत्तीर्ण है.
काॅन्स्टेबल के 1,137 पदों के लिए लगभग दो लाख लोगों ने आवेदन दिया है. यानी 175 लोगों पर एक पद. आवेदन करने वालों में तीन डॉक्टर, पांच वकील, 423 इंजीनियर, 167 एमबीए, 543 पीजी, 28 बीएड, 154 मास्टर डिग्री धारी और डेढ़ लाख से ज्यादा ग्रेजुएट हैं. इंस्पेक्टर जनरल रवींद्र कुमार सिंगल इस परिवर्तन को महाराष्ट्र पुलिस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला कदम मानते हैं.
आवेदनकर्ताओं में कल्याण की रूपाली गांगुर्डे भी हैं. बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुकी रूपाली देशसेवा के लिए पुलिस में भर्ती होना चाहती हैं. आवेदन करने वालों में ज्यादातर इसके लिए बेरोजगारी को ही बड़ी वजह बता रहे हैं, लेकिन कुछ इसे भ्रष्टाचार से जोड़ कर भी देख रहे हैं.
एक एमएड डिग्री धारक के मुताबिक, डिग्री होने के बाद भी नौकरी के लिए 15 से 20 लाख रुपये की मांग की जाती है. इसके बाद भी पूरा वेतन मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं रहती. सिपाही की नौकरी में पैसे के साथ-साथ सुरक्षा को भी लोग इसकी बड़ी वजह मानते हैं.
आठ अप्रैल को शुरू हुई है भर्ती के लिए दौड़
पांच साल पहले तक नहीं थी ऐसी स्थिति
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक के अनुसार, 2012 तक ऐसी स्थिति नहीं थी. उन्होंने अपने कार्यकाल में काॅन्स्टेबल के पद के लिए आये हुए आवेदन में एक भी आवेदन डॉक्टर्स, इंजीनियर्स अन्य किसी उच्च योग्यता धारी को नहीं देखा. इसके लिए उन्होंने बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया.
दौड़ में हुए ये भी शामिल
03 डॉक्टर
423 इंजीनियर
736 पीजी
25 मास कॉम
167 एमबीए
05 वकील
28 बीएड
167 बीबीए