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जेईई मेंस-2018 : तैयारी को ऐसे दें अंतिम स्वरूप, ये काम भूल के भी न करें, जानें एक्सपर्ट की राय

आगामी 8 अप्रैल, 15 और 16 अप्रैल को आयोजित होने जा रही जेईई मेंस में आप जैसे देशभर से लाखों छात्र शामिल हो रहे हैं. ऐसे में इसे एक प्रतिस्पर्धा मान कर पूरे आत्मविश्वास के साथ आपको प्रदर्शन करना होगा, तभी परीक्षा में शामिल हो रहे 12 लाख छात्रों में से आप अपना स्थान बना […]

आगामी 8 अप्रैल, 15 और 16 अप्रैल को आयोजित होने जा रही जेईई मेंस में आप जैसे देशभर से लाखों छात्र शामिल हो रहे हैं. ऐसे में इसे एक प्रतिस्पर्धा मान कर पूरे आत्मविश्वास के साथ आपको प्रदर्शन करना होगा, तभी परीक्षा में शामिल हो रहे 12 लाख छात्रों में से आप अपना स्थान बना सकेंगे. मैराथन के इस अंतिम पड़ाव पर आकर आप अपनी सकारात्मकता, ऊर्जा और आत्मविश्वास को बरकरार रखें. सफलता की शुभकामनाओं के साथ विशेष प्रस्तुति…
बनाएं कुछ खास योजना
कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर कार्ययोजना के साथ की गयी तैयारी कामयाबी की राह को प्रशस्त करती है. इन बचे दिनों में पूरे सिलेबस को दोहराना और सब कुछ याद रख पाना किसी के बस की बात नहीं हैं. जेईई मेंस के लिए आपको एक खास एक्शन प्लान बनाना होगा. एक प्रभावी समयसारिणी बनाकर हर विषय और हर टॉपिक की योजनाबद्ध तरीके से तैयारी करनी होगी.
एनसीइआरटी बुक्स से करें अभ्यास
जेईई मेंस में पूछे जानेवाले ज्यादातर प्रश्न बेसिक्स पर आधारित होते हैं. इन प्रश्नों को हल करने और अपनी आधारभूत समझ को विकसित करने में एनसीईआरटी की पुस्तकों से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है. एनसीईआरटी की किताबों में फंडामेंटल पर विशेष रूप से फोकस किया गया है, यही वजह है कि ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी ये किताबें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
खुद के नोट्स पर रखें विश्वास
तैयारी के दौरान बनाये नोट्स अंतिम रूप से तैयारी करते समय अहम रोल अदा करते हैं. इनको दोहराएं और फार्मूलों पर विशेष रूप से फोकस करें. महत्वपूर्ण अभ्यासों, फॉर्मूलों और सिद्धांतों का अलग नोट्स बना लें और हो सके तो शॉर्ट नोट्स और प्वाइंटर बनाएं, जिसे आप परीक्षा से कुछ घंटों पहले पूरे सिलेबस को आसानी से दोहरा सकेंगे.
नये कंसेप्ट पर समय न करें खराब
नये टॉपिक को पढ़ने और नये कंसेप्ट में उलझने का जोखिम कतई भी न लें. इससे आत्मविश्वास डगमगा जाता है और पहले की तैयारी पर भी असर पड़ने लगता है. यह सही है कि परीक्षा में सफलता के लिए सभी टॉपिक और चैप्टर पर पकड़ बनाना जरूरी है, लेकिन इन बचे दिनों में यह रिस्क की तरह है. पहले से तैयार किये गये टॉपिक पर अभ्यास करें, कहीं कोई गलती हो रही है, तो उसके लिए एक्सपर्ट या टीचर की जरूर मदद लें.
मॉक टेस्ट से करें जम कर अभ्यास
प्रश्नों के प्रारूप को समझने और उसे नियत समय में हल करने में मॉक टेस्ट सबसे बेहतर उपाय है. पुराने प्रश्नपत्रों को देखकर आप प्रश्नों के स्तर का अंदाजा लगा सकते हैं. मॉक टेस्ट से तैयारी का मूल्यांकन होने के साथ आत्मविश्वास बढ़ेगा. जिन प्रश्नों को हल करने में दिक्कत आ रही है, उसे दोहराएं. लगातार मॉक टेस्ट देते रहने से स्पीड और एक्यूरेसी में इजाफा होगा.
लास्ट मिनट टिप्स आशा ही जिंदगी है
आशा केवल इस परीक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि आपके जिंदगीभर की कामयाबी इसी पर टिकी है. यह केवल एक परीक्षा है, जो आपको सीखने का मौका दे रही है. आगे भी ऐसे बहुत सारे पड़ाव आयेंगे.
परीक्षा केंद्र की जानकारी लें
परीक्षा केंद्र के बारे में जानकारी पहले से ही इकट्ठा करके रखें. अंतिम समय के लिए इसे न टालें. परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचें.
तैयारी को लेकर न करें किसी से बहस
अपनी तैयारी को लेकर किसी से बहस करने से बचें. इससे फायदा होने के बजाय तनाव हो सकता है. किसी प्रकार की बहस से बचना समझदारी है.
एग्जाम किट तैयार रखें
एग्जाम में जाने से पहले एडमिट कार्ड और जरूरी चीजों को तैयार रखें. एडमिट कार्ड पर दर्ज सूचनाओं और निर्धारित समय का पालन करें. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस और घड़ी लेजाने की अनुमति नहीं है.
तैयारी को दें अंतिम स्वरूप
आर एल त्रिखा
डायरेक्टर, फिट-जी
समय बहुत कम रह गया है, ऐसे में छात्रों को अब तक तैयार किये गये टॉपिक्स के रिवीजन पर ही जाेर देना चाहिए. नये टॉपिक्स को पढ़ना उपयुक्त नहीं होगा. तैयारी के इस अंतिम दौर में छात्रों के लिए तनाव मुक्त रहना और पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी जरूरी है. इसके अतिरिक्त परीक्षा से जुड़ी कुछ बातें हैं, जिनके बारे में परीक्षा में शामिल होने से पहले छात्रों को जान लेना चाहिए.
वे छात्र जो कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा देने जा रहे हैं
जेईई मेंस के कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट में शामिल होने जा रहे छात्रों के लिए जरूरी है कि एक अनुक्रम में प्रश्नों को हल करते चलें. इससे यह याद रखने में सहूलियत होगी कि वे कितने प्रश्नों और प्रश्नपत्र के किस भाग को हल कर चुके हैं.
ऑनलाइन मोड में जेईई मेंस के लिए तैयार किये गये मॉक टेस्ट काफी फायदेमंद होते हैं.प्रश्नों को हल करने की शुरुआत करने से पहले यह जांच लेना चाहिए कि उनकी स्क्रीन पर प्रश्नपत्र के सभी प्रश्न दिखायी दे रहे हैं या नहीं. फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स के सभी विषयों के प्रश्नों को हल करने के बाद छात्र पेपर को सबमिट करते वक्त पूरी सावधानी बरतें.
पेपर-पेन से परीक्षा देने वाले छात्र दें ध्यान
प्रश्नपत्र हल करने से पहले यह जांच लेना चाहिए कि उनके पेपर में प्रिंटिंग मिस्टेक के चलते कोई पेज मिसिंग तो नहीं है.
यह आवश्यक नहीं है कि आप तीनों विषयों को बराबर समय दें. जो विषय अच्छे से तैयार हो उसके प्रश्नों को पहले हल करें.
प्रश्नपत्र मिलते ही शुरुआती पांच से दस मिनट में सावधानीपूर्वक पूरे प्रश्नपत्र को ठीक से पढ़ लें. सरल प्रश्नों को पहले हल करें.
ओएमआर शीट में उत्तर मार्क करने से पहले आश्वस्त हो लें.
सभी विषयों के लिए बनाएं ठोस प्लान
मैथ्स
मैथ्स में सभी चैप्टर महत्वपूर्ण हैं. सभी टॉपिक से प्रश्न पूछे जाते हैं. फार्मूलों पर विशेष रूप से पकड़ बनाएं, सिक्वेंस व सीरीज, प्रोबेबिलिटी, सर्किल, इन्वर्स ट्रिग्नोमेट्री फंक्शन, मैट्रिसेस, क्वाड्रेटिक इक्वेशन, कोऑर्डिनेट ज्योमेट्री, लिमिट्स, अप्लीकेशन ऑफ डेरिवेटिव्स और डेफिनिट इंटीग्रेल इक्वेशन जैसे महत्वूपर्ण खंडों का रिवीजन करते समय विशेष रूप से ध्यान रखें.
फिजिक्स
प्रत्येक चैप्टर के फॉर्मूलों का एक नोट्स बनाएं और उस पर आधारित प्रश्नों का खूब अभ्यास करें. रिवीजन नोट्स पर लगातार नजर बनाएं रखें. डायमेंशनल एनालिसिस, गैसों की काइनेटिक थ्योरी, थर्मोडायनेमिक्स व रोटेशनल डायनेमिक्स, इलेक्ट्रिसिटी व हीट ट्रांसफर, जियोमेट्रिकल ऑप्टिक्स, वेव व साउंड और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक आदि चैप्टर महत्वपूर्ण हैं.
केमिस्ट्री
इस खंड की तैयारी में एनसीईआरटी की किताबें सबसे बेहतर मानी जाती हैं. इससे तैयारी करने से हर टॉपिक्स पर अच्छी समझ बन जाती है. केमिस्ट्री की तैयारी में टेक्स्टबुक के साथ रिफरेंस बुक की बड़ी भूमिका होती है. केमिकल इक्वीलिब्रियम, मोल कंसेप्ट, इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री, रेडॉक्स रिएक्शन, कॉर्बोनिल कंपाउंड, केमिकल बांडिंग जैसे खंड खासे महत्वपूर्ण हैं.
परीक्षा हॉल में इन बातों का रखें ध्यान
प्रश्नपत्र को एक सरसरी निगाह से देखकर यह रणनीति तय कर लें कि जवाब किस प्रकार देना है.
आपका गलत जवाब आपको ‘नेगेटिव’ अंक देगा, अतः गेस मारने से बचें और उन प्रश्नों का ही जवाब दें, जिनके उत्तर आपको आते हैं.
टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है, अतः परीक्षा में किसी भी परिस्थिति में एक प्रश्न के लिए चार मिनट से अधिक समय न दें.
जो आसान प्रश्न हैं, उसे पहले हल करें. इसके बाद मुश्किल प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें.
ध्यान रहे, दो प्रश्नों के रफ वर्क के बीच फासला रखें, ताकि रिवीजन के समय आसानी से उस प्रश्न के रफ वर्क को खोज सकें.
परीक्षा समाप्ति के पहले सभी उत्तरों का आकलन कर लें और इसके लिए कम-से-कम 15 मिनट का समय बचा कर रखें.
तनाव का शिकार हाेने से बचें
ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक अध्ययन की मानें तो प्रतिदिन एरोबिक व्यायाम करने से याददाश्त और सीखने की क्षमता का तेजी से विकास होता है. व्यायाम करने से दिमाग में ऑक्सीजन का प्रवाह होता है, जिससे छात्रों के स्मरण और सोचने की क्षमता भी बेहतर होती है.
परीक्षा की तैयारी के लिए अक्सर छात्र पूरी नींद नहीं लेते. ऐसा बिल्कुल भी न होने दें. दिमाग को तरोताजा रखने के लिए कम-से-कम छह से आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए. हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय के एक शोध के अनुसार जो छात्र पर्याप्त नींद लेते हैं, उनकी परफॉर्मेंस बेहतर होती है.
घंटों तक पढ़ाई करने के बजाय ब्रेक लेना और ब्रेक के दौरान संगीत सुनना या वॉक करना दिमाग को तरोताजा बना देता है.
संतुलित आहार से रहें स्वस्थ
दिमाग को सुस्त बनानेवाले जंक फूड के सेवन से दूर रहना चाहिए.छात्रों को प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए. एक साथ अधिक मात्रा में खाने की बजाय अंतराल में थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं.
सब्जियाें और ताजे फल, जिनमें विटामिन सी, रेशा, पोटैशियम और विटामिन-बी की मात्रा हो, उनका सेवन भरपूर मात्रा में करें. इससे आपको नींद या सुस्ती नहीं आयेगी. बादाम, अखरोट, तरबूज, खीरा और कद्दू के बीज का सेवन छात्रों में पढ़ाई के दौरान एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है.
क्या न करें
जिन प्रश्नों को लेकर आप आश्वस्त नहीं हैं, उन्हें पहले हल न करें.
अगर कोई प्रश्न आपको कठिन लग रहा है, तो निराश न हों. आप अन्य प्रश्नों की ओर बढ़ सकते हैं.
यदि आप किसी प्रश्न के उत्तर को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, तो तुक्का लगाने का प्रयास बिल्कुल न करें.
यदि आप कंप्यूटर पर परीक्षा देने में सहज महसूस नहीं करते, तो ऑनलाइन परीक्षा की बजाय ऑफलाइन का माध्यम ही चुनें. औरों की देखा-देखी ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होने की गलती न करें.
एक्सपर्ट की राय
आशीष आदर्श
कैरियर कंसल्टेंट
अभ्यास में न छोड़ें कोई कसर : समय अब किसी नये विषय को जानने का नहीं है, बल्कि पढ़े गये विषयों के रिवीजन का है.
महत्वपूर्ण टॉपिक पर करें फोकस : वैसे टॉपिक पर विशेष ध्यान दें, जो परीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं. फार्मूला और थ्योरम के रिवीजन पर भी विशेष ध्यान दें.
घंटे गिन कर रिवीजन न करें : अपने घंटे गिनना बंद करें और केवल इस बात पर ध्यान दें कि अपने रिवीजन के दौरान आपने अपने किन-किन नयी शंकाओं को दूर किया.
शशिभूषण
निदेशक, राव आईआईटी अकादमी
तैयारी के आखिरी दौर में एक बार पूरे सिलेबस का बारीकी से मुआयना करें. फॉर्मूलों के अलावा उन प्वाइंट्स को नोट कर लें, जिन्हें आखिरी वक्त में सरसरी तौर पर देखने की जरूरत होगी.
किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से बचें और अपनी तैयारी को सुधारने पर ध्यान दें. अति आत्मविश्वास के चक्कर में न पड़ें.
तीन घंटे की पूरी अवधि को प्रति सवाल मिनट में बांट दें यानी एक सवाल पर कितना वक्त देना है.
और अंत में
स्वयं को हमेशा आत्मविश्वास से युक्त रखिए, क्योंकि हमेशा यह बात ध्यान रखें कि यह परीक्षा आपके जीवन की अंतिम परीक्षा नहीं है.ध्यान रहे, आगे और भी कई मौके आपको मिलेंगे.
यह सोच आपके आत्मविश्वास को कमजोर नहीं होने देगी और आपको अपना सर्वश्रेष्ठ करने को प्रेरित करेगी. क्योंकि, अक्सर किसी चीज को खो देने के भय से हम अपनी सुध खो देते हैं. याद रखें, परीक्षा हॉल में आपका आत्मविश्वास ही आपका सबसे करीबी साथी है.

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