नयी दिल्ली : मर्डर मिस्ट्री में तब्दील हो चुके नोएडा के आरुषि-हेमराज हत्याकांड में एक बार फिर नया मोड़ आ चुका है. केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने पिछले साल आये इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, इस केस में सुबूतों के अभाव में आरुषि के पिता राजेश तलवार और मां नूपुर तलवार को बरी किया गया था.
मामले को लेकर सीबीआइ के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि एजेंसी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है. यानी सीबीआइ अब नये सिरे से हत्याकांड की जांच करेगी और सच सामने लाएगी. ऐसे में तलवार दंपती की मुश्किलें फिर एक बार बढ़ सकती है. इससे पहले हेमराज की पत्नी ने गत दिसंबर में ही सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
यहां चर्चा कर दें कि पिछले साल 12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपती को बरी कर दिया था. न्यायमूर्ति बीके नारायण और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र की खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाया और दोनों को दोषी नहीं माना. तब खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि सीबीआइ की जांच में कई तरह की कमी पायी गयी है. कोर्ट ने मामले में तलवार दंपति को संदेह का लाभ दिया गया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मां-बाप यानी राजेश और नूपुर तलवार ने आरुषि की हत्या नहीं की.
क्या है मामला
गौर हो कि नौ साल पूर्व 15-16 मई 2008 की रात जब 14 वर्षीय आरुषि तलवार की हत्या हुई थी तब यह सवाल उठा था कि हत्यारा आखिर है कौन? मामले की जांच शुरू हुई और जांच एजेंसी की बदलती थ्योरी और उस पर उठते सवालों के बीच यह केस आगे बढ़ता चला गया. हालांकि शुरुआत से लेकर आखिर तक यह केस मिस्ट्री बना रहा और अब भी यह सवाल कायम है कि आखिर आरुषि की हत्या किसने की?
मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और सीबीआइ ने तमाम आधार पर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का काम किया है. सीबीआइ ने अपनी अपील में कहा है कि निचली अदालत का फैसला सही था और हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को दरकिनार कर दिया, जो सही नहीं है.