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BCI ने जजों से मिलने के लिए सात सदस्यीय दल का गठन किया

नयी दिल्ली : भारतीय बार परिषद (बीसीआइ) ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय के वर्तमान संकट पर चर्चा के लिए पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों को छोड़कर शीर्ष अदालत के अन्य सभी न्यायाधीशों से मिलने के लिए सात सदस्यीय दल का गठन किया. बीसीआइ ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा […]

नयी दिल्ली : भारतीय बार परिषद (बीसीआइ) ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय के वर्तमान संकट पर चर्चा के लिए पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों को छोड़कर शीर्ष अदालत के अन्य सभी न्यायाधीशों से मिलने के लिए सात सदस्यीय दल का गठन किया. बीसीआइ ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा संवाददाता सम्मेलन बुलाने से पैदा स्थिति का किसी राजनीतिक दल या नेता को अनुचित फायदा नहीं उठाना चाहिए.

बीसीआइ के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि बीसीआइ ने वर्तमान स्थिति पर चर्चा के लिए पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों को छोड़कर उच्चतम न्यायालय के अन्य सभी न्यायाधीशों से मिलने के लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया है. वकीलों की शीर्ष संस्था ने कहा कि वह अन्य न्यायाधीशों की राय लेगी. बीसीआइ का नजरिया है कि न्यायाधीशों के इस तरह के मुद्दे सार्वजनिक नहीं होने चाहिए. गौरतलब है कि शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों न्यायमूर्ति चलामेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ एक तरह से विद्रोह करते हुए मामलों के एकतरफा तरीके से आवंटन सहित कई मुद्दे उठाये थे.

गौरतलब है इस विवाद पर बार बीसीआइ के सभी सदस्यों ने शनिवार शा‍म को बैठक की. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि न्याय प्रणाली को किसी भी तरीके से आघात नहीं पहुंचने दिया जायेगा. बीसीआइ ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से सहयोग की अपील की है. बीसीआइ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आधे जजों से मिलने का वक्त मिल गया है. इस विवाद को पूरी तरह से जल्द सुलझाने की कोशि‍श हो रही है. बैठक में केंद्र सरकार के उस फैसले की तारीफ भी की गयी, जिसमें सरकार ने इस मामले में दखल न देने की बात कही थी.

आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह देश में पहली बार न्यायपालिका में असाधारण स्थिति देखी गयी. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों ने मीडिया को संबोधित किया. चीफ जस्टिस के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस चेलामेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कभी-कभी होता है कि देश में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था भी बदलती है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी.

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