नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा परआजएकप्रेस कान्फ्रेंस करगंभीर आरोप लगाये.मुख्यन्यायाधीश के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्ती चेलमेश्वर की अगुवाई में चार जजों ने मीडिया से बात की और वे मुद्दे गिनाये जो विवाद की वजह हैं. चारों जजों ने कहा कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे विफल रहे. ऐसे में वे मीडिया के सामने आकर अपनी बात कह रहे हैं, ताकि आने वाले दिनों में कोई यह नहीं कहे कि हमने अपनी आत्म बेच दी है. चारों जजों ज्यूडिशयल आर्डर, एडमिनिस्ट्रेटिव फैसले के मुद्दे उठाये. इस पूरे मामले में विवाद की एक बड़ी वजह जज बीएच लोया (बृजगोपाल हरकिशन लोया) का केस माना जा रहा है. आज इस संबंध में पत्रकारों ने जब जजों इस संबंध में सवाल पूछा कि क्या यह मामला जज लोया सेभी संबंधित है, तोजस्टिस रंजन गोगई ने कहा: जी हांं.
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जज लोया की एक दिसंबर 2014 को मौत हो गयी थी.वेसीबीआइ केजज थे. मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, वे उस दौरान अपने एक सहयोगी की बेटी के विवाह में शामिल होने गये थे और तभी उन्हें हर्ट अटैक हुआ और बाद में उनका निधन हो गया. जस्टिस लोया गुजरात के सोहराबुद्दीन इनकाउंटर केस की सुनवाई से जुड़े थे.
जज लोया की मौत को एक वर्ग द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में मौत माना गया और इसकी जांच की मांग उठी. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईहुई और दो-तीन मिनट तक यह सुनवाई चली. इस संबंध में एक पत्रकार ने जनहित याचिका दायर की थी. यह याचिका महाराष्ट्र के पत्रकार बीआर लोन द्वारा दायर की गयी थी. उन्होंने इसे रहस्यमयी मौत बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की.
सुप्रीम कोर्ट में वकील अनीता शेनॉय ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, दीपक एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ के सामने रखा था, जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया था.
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