जयपुर: पहली लोकसभा गठन के दौरान राजस्थान को बाइस सीटे मिली. इसके बाद हुए परिसीमन में राजस्थान के खाते में तीन ओर सीटे जुडकर पच्चीस सीटें हो गई है. सोलहवीं लोकसभा गठन के लिए मतदाता प्रदेश की पच्चीस सीटों के लिए 17 और 24 अप्रैल को मतदान करेंगे.
राजस्थान निर्वाचन विभाग के अनुसार, प्रथम आम चुुनाव से पूर्व सीटों के बंटवारे में वर्ष 1951 में राजस्थान के खाते में बाइस सीटें मिली. प्रथम आम चुनाव में प्रदेश की बाइस सीटों के लिए चुनाव हुआ था. तीन आम चुनाव तक वर्ष 1952 से लेकर वर्ष 1962 तक बाइस सीटों पर लोकसभा प्रतिनिधि का चुनाव हुआ था.विभाग के अनुसार प्रथम आम चुनाव के दौरान राजस्थान की बाइस सीटों में से उन्नीस सीटें सामान्य, अनुसूचित जाति के लिए दो और अनुसूचित जनजाति के लिए एक सीटे आरक्षित थी. दूसरे आम चुनाव वर्ष 1957 से पहले वर्ष 1956 में हुए परिसीमन में राजस्थान के खाते में आयी बाइस सीटों में कोई बदलाव नहीं हुआ. लेकिन आरक्षित सीटों में परिवर्तन हो गया.
दूसरे आम चुनाव से पूर्व वर्ष 1956 में हुए परिसीमन में अनुसूचित जाति की सीट दो से बढकर तीन और अनुसूचित जनजाति की सीट एक से बढकर दो हो गई. अनुसूचित जाति और जनजाति की सीटे में बढोत्तरी होने से सामान्य सीट उन्नीस से घटकर सत्रह रह गयी. वर्ष 1961 में फिर से हुए परिसीमन में इन सीटों में कोई बदलाव नहीं आया और न ही आरक्षित सीटें उपर नीचे हुई.