मुंबई : शिवसेना को निशाने पर लेते हुए दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से मनसे उम्मीदवार बाला नंदगांवकर ने कहा है कि मराठी वोट बैंक किसी भी पार्टी का एकाधिकार नहीं है. मनसे विधायक ने यहां प्रेट्र के साथ बातचीत में महाराष्ट्र में दस सीटों पर चुनाव लड रही अपनी पार्टी के कम से कम पांच सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने का विश्वास व्यक्त किया.
पूछे जाने पर कि क्या मनसे ने शिवसेना के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए उम्मीदवार खडे किए हैं, उन्होंने कहा, हमने बिल्कुल भी शिवसेना के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए उम्मीदवार खडे नहीं किए हैं. हम अपने बलबूते लड रहे हैं और उन उम्मीदवारों को खडा किया है जिनके या तो जीतने की पूरी उम्मीद है या जो कम से कम दूसरे स्थान पर रह सकते हैं.
नंदगांवकर ने कहा, ऐसी कई सीटें हैं जहां शिवसेना ने उम्मीदवार खडे किए हैं लेकिन हमने नहीं खडे किए. उन्होंने कहा, मराठी वोट बैंक किसी का भी एकाधिकार नहीं है. अगर ऐसा होता तो शिवसेना अब भी महाराष्ट्र में सत्ता में होती. मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी की बैठक को लेकर नंदगांवकर ने कहा कि बैठक में कुछ भी गलत नहीं था. गौरतलब है कि इस बैठक के बाद शिवसेना और भाजपा के बीच तनाव पैदा हो गया था.
उन्होंने कहा, गडकरी ने राज ठाकरे से मुलाकात की. लेकिन इसमें गलत क्या है? राजनीति में न तो स्थाई मित्र होता है और न ही शत्रु. लोकसभा चुनावों में मनसे की संभावनाओं को लेकर सवाल पूछे जाने पर नंदगांवकर ने कहा, मनसे आगामी चुनावों में कम से कम पांच सीटें जीतेगी और मैं उनमें से एक रहूंगा. मनसे विधायक के खिलाफ दक्षिण मुंबई सीट से कांग्रेस के निवर्तमान सांसद मिलिंद देवडा, शिवसेना नेता अरविन्द सावंत और आम आदमी पार्टी की मीरा सान्याल मैदान में हैं.