नयी दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने आज कहा कि चुनाव आयोग चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के प्रसारण और प्रकाशन पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता. कुछ समय पहले ही विधि मंत्रलय ने चुनाव आयोग को सुझाव दिया था कि वह अनुच्छेद 324 के तहत अपनी शक्तिओं का उपयोग करते हुए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण पर रोक लगा सकता है.
संपत ने रांची में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कानून में जो बिन्दु किसी अधिनियम के दायरे में नहीं हैं, आयोग अनुच्छेद 324 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग कर सकता है. लेकिन अनुच्छेद 77 के तहत, हम ऐसा नहीं कर सकते.’’ संविधान के अनुच्छेद 77 के तहत, केंद्र के सभी कार्यकारी कदम राष्ट्रपति के नाम पर किये जाते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इसके कारण, हमारा नजरिया है कि चूंकि संसद पहले ही इस मामले पर विचार कर चुकी है, हम अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को प्रतिबंधित करने की स्थिति में नहीं हैं. ’’ अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग को चुनाव कराने के लिए निगरानी, निर्देश और नियंत्रण की शक्ति देता है.
संपत ने कहा कि सरकार ने 2009 में कानून बनाया था और संसद ने केवल ‘एक्जिल पोल’ को प्रतिबंधित किया और ‘‘चुनाव पूर्व सर्वेक्षण को प्रतिबंधित करने पर विचार नहीं किया.’’ आयोग ने सरकार को जवाब देते हुए कहा कि इस बारे में कानून बनाना बेहतर विचार होगा.आयोग ने विधि मंत्रालय से कहा है कि वह संविधान के तहत प्राप्त अधिकार का उपयोग कर ऐसा कदम नहीं उठाना चाहता है और वह चाहता है कि सरकार इस मुद्दे पर कानून बनाये.
चुनाव आयोग को लगता है कि अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव पूर्व सर्वेक्षण को प्रतिबंधित करना कानूनी तौर पर बनाये रखने योग्य नहीं होगा. आयोग ने विधि मंत्रलय से कहा कि चूंकि एक्जिट पोल कानून के तहत प्रतिबंधित है, चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के बारे में भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए.
आयोग ने प्रस्ताव किया है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव की अधिसूचना के बाद चुनाव शुरु होने से अंतिम चरण का मतदान पूरा होने तक चुनाव सर्वेक्षण का प्रसारण और प्रकाशन प्रतिबंधित होना चाहिए.वर्तमान कानून के तहत चुनाव आयोग को मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण को प्रतिबंधित करने की अनुमति प्राप्त है. इस वर्ष प्रारंभ में अटर्नी जनरल ने चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से अंतिम चरण के मतदान के बीच चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के प्रसारण और प्रकाशन पर रोक लगाने के प्रस्ताव का समर्थन किया था.
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हुए अटर्नी जनरल ने कहा के एक्जिट पोल पर रोक लगाने के लिए संशोधन के तीन वर्ष हो गए हैं और इसे कोई चुनौती मिलती नहीं दिख रही है.