यरुशलम : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिनों की इजराइल यात्रा पर मंगलवार सुबह करीब 10 बजे रवाना हो गये हैं. वे 8 घंटे बाद तेल अवीव की धरती पर कदम रखेंगे. तेल अवीव की धरती पर कदम रखते ही दोनों देशों के रिश्तों में नया अध्याय जुड़ जाएगा. प्रधानमंत्री के तीन दिवसीय इस्राइल दौरे के दौरान कृषि, जल प्रबंधन, इनोवेशन और स्टार्ट-अप जैसे क्षेत्रों पर बातचीत केंद्रित हो सकती है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्राइल के साथ भारत के संबंधों को ‘विशेष ‘ करार देते हुए सोमवार को कहा कि उनके दौरे से द्विपक्षीय संबंधों तथा आतंकवाद विरोधी लडाई सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढाने में मदद मिलेगी.
मोदी ने अपने तीन दिवसीय इस्राइल दौरे की शुरुआत की पूर्वसंध्या पर कहा, ‘ ‘मेरा दौरा खास मौके पर आया है जब भारत और इस्राइल के बीच संबंध स्थापित होने के 25 साल पूरे हुए हैं. ‘ ‘ इस्राइल के सरकार समर्थक अखबार ‘इस्राइल हायोम ‘ को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि उनका दौरा ‘दोनों देशों के बीच सदियों पुराने जुडाव ‘ पर आधारित है. उन्होंने कहा, ‘ ‘मैं ऐसे बहुत सारे लोगों की राय को साझा करता हूं जो इस्राइल को प्रौद्योगिकी के वाहक, विपरीत हालात में अस्तित्व कायम रखने वाले देश के तौर पर देखते हैं. ‘ ‘
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अखबार का कहना है कि मोदी की इस यात्रा के दौरान नए रक्षा एवं साइबर सुरक्षा संबंध स्थापित करने पर जोर दिया जा सकता है. इन दो क्षेत्रों में इस्राइल ने खुद को एक विश्व अगुवा के तौर पर पेश करने की कोशिश की है. अपना न्यूजलेटर सब्सक्राइब करने वाले इस्राइली नागरिकों को भेजे ईमेल ने मोदी ने कहा कि इस्राल के साथ भारत का संबंध ‘विशेष ‘ है.
‘यरुशलम पोस्ट ‘ के अनुसार मोदी ने कहा कि उनके दौरे से दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे. भारत रक्षा उपकरणों का सबसे बडा आयातक है और इस्राइल उसका एक प्रमुख आपूतर्कर्तिा बन चुका है. इस्राइली मीडिया के अनुसार दोनों देशों के बीच हर साल एक अरब डॉलर से अधिक का रक्षा कारोबार होता है. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भारत और इस्राइल के बीच संबंध सुधारने तथा इसे नए स्तर तक ले जाने को प्रतिबद्ध है.
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दोनों देशों के बीच पिछले तीन वर्षों में उच्च स्तरीय आदान-प्रदान बढने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि किसी भारतीय राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने 2015 में प्रणब मुखर्जी के दौरे से पहले इस्राइल की यात्रा नहीं की थी. मोदी ने ‘इस्राइल हायोम ‘ ने कहा, ‘ ‘ मेरे दौरे का अपना महत्व है क्योंकि यह पहली बार है कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस्राइल का दौरा कर रहा है. मुझे विश्वास है कि मेरे दौरे से कई क्षेत्रों में हमारे संबंधों को मजबूती मिलेगी और सहयोग के लिए नई प्राथमिकताएं सामने आएंगी.’ ‘
उन्होंने कहा, ‘ ‘ हमारा लक्ष्य इस्राइल के साथ इस तरह के संवाद करने का है कि दोनों देशों के नागरिकों के जीवन में सुधार हो। ‘ ‘ मोदी ने कहा, ‘ ‘एक दशक से अधिक समय बाद मैं वापस आकर बहुत खुश हूं और इस दौरान इस्राइल ने जो विकास किया है उसको देखने को उत्सुक हूं.’ ‘ यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और इस्राइल आतंकवाद के समान खतरे का सामना कर रहे हैं, मोदी ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और दोनों देश इससे बचे नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘ ‘हमारे बीच समझौता है कि निर्दोष लोगों पर हिंसा करने वालों को फलने-फूलने नहीं देना चाहिए। सीमा पार आतंकवाद हमारे समक्ष एक बडी चुनौती है. हमारी सीमा के पार की विभाजनकारी ताकतें हमारे देश की एकता को बाधित करने का प्रयास कर रही हैं. ‘ ‘
यरुशलम ने कहा, ‘ ‘इस तरह के तत्व हमारे देश अथवा क्षेत्र में युवाओं को गुमराह करने के लिए धर्म का दुरुपयोग करते हैं. आतंकवाद को किसी तरह से किसी धर्म से नहीं जोडा जाना चाहिए. दोनो देश आतंकवाद की समस्या का मुकाबला करने के लिए एक दूसरे के प्रयासों में मदद करने तथा सहयोग करने के लिए और निकटता से काम कर सकते हैं. ‘ ‘ यह पूछे जाने पर कि वह पूंजीवाद के धुर समर्थक हैं और अर्थव्यस्था को और उदार बनाना चाहते हैं तो मोदी ने कहा कि वह किसी ‘वाद ‘ में विश्वास नहीं करते. मोदी ने कहा, ‘ ‘मैं और मेरी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास ‘ के लक्ष्य के साथ काम करते हैं. ‘ ‘