Advertisement
रोजमेरी की सुगंध बढ़ाती है याददाश्त
सुगंध किसी को भी अच्छी लगती है. सुगंधित वातावरण में हम तरोताजा महसूस करते हैं. नये रिसर्च में पता चला है कि रोजमेरी के पत्तों की सुगंध याददाश्त भी बढ़ाती है, जो 65 वर्ष से अधिक उम्रवाले लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी है. यह रिसर्च नॉर्थम्बरिया यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में किया गया है. […]
सुगंध किसी को भी अच्छी लगती है. सुगंधित वातावरण में हम तरोताजा महसूस करते हैं. नये रिसर्च में पता चला है कि रोजमेरी के पत्तों की सुगंध याददाश्त भी बढ़ाती है, जो 65 वर्ष से अधिक उम्रवाले लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी है. यह रिसर्च नॉर्थम्बरिया यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में किया गया है. रिसर्च में यह भी पता चला है कि पुदीना की चाय पीने से सतर्कता बढ़ती है.
लैवेंडर की सुगंध याददाश्त को कमजोर बनाती है और कैमोमाइल की चाय आपके दिमाग को शांत करती है. कैमोमाइल में दर्दनाशक गुण भी होते हैं और यह याददाश्त और सतर्कता को कम करती है. इस अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक उम्र के 150 लोगों को शामिल किया गया. इनमें से कुछ लोगों को पहले एक ऐसे कमरे में कुछ देर रखा गया, जिसमें रोजमेरी तेल की गंध थी और कुछ को बिना किसी गंधवाले कमरे में रखा गया. ऐसा ही प्रयोग लैवेंडर की सुगंध के साथ किया गया. उसके बाद इन लोगों के याददाश्त और सतर्कता संबंधी कुछ टेस्ट किये गये.
टेस्ट के रिजल्ट से पता चला कि जो लोग रोजमेरी की सुगंध में रहे, उनकी याददाश्त और सतर्कता बिना सुगंध के कमरे में रखे गये लोगों की तुलना में 15% तक बढ़ गयी थी, जबकि लैवेंडर की सुगंध में रखे गये लोगों में यह घटी थी. हमारे नाक में सेंट रिसेप्टर्स होते हैं, जो हिप्पोकैंपस को मैसेज भेजने का काम करते हैं. दिमाग का यह हिस्सा ही याददाश्त पर भी प्रभाव डालता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement