मोनिका शर्मा
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आज के समय में सोशल मीडिया सिर्फ जाने-अनजाने दोस्तों के लिए नहीं, रिश्तेदारों के लिए भी जुड़ाव का जरिया बन गया है. इस आभासी संसार में करीबी ही नहीं दूर के रिश्तेदार भी अब फ्रेंडलिस्ट का हिस्सा बने गये हैं. इस वजह से सभी की जिंदगी से जुड़े अपडेट्स एक-दूसरे तक पहुंचते रहते हैं. लेकिन कई बार अनजाने दोस्तों द्वारा साझा की गयी जिन बातों को सहजता के स्वीकार या अनदेखा कर दिया जाता है, किसी जान-पहचान के इंसान या रिश्तेदारों की बातें, चित्र या अपडेट्स असल दुनिया में बहस का मुद्दा बना दिया जाता है. उनकी प्रोफाइल पर जान-बूझ कर ताका-झांकी की जाती है. ऐसे में जरूरी है कि किसी रिश्तेदार की पोस्ट्स को लाइक, कमेंट या शेयर करने के मामले में अनुशासन बरता जाये. बेवजह मीनमेख निकालने या फॉलो करने से बचा जाये.
ताकाझांकी से बचें
वर्चुअल दुनिया की फ्रेंडलिस्ट में रिश्तेदारों का होना यानी कि व्यक्तिगत जीवन में पहले से ही जुड़े लोगों को तकनीक के जरिये जुड़ाव का एक और माध्यम मिलना है. इसका सकारात्मक इस्तेमाल कीजिए. जान-पहचान के लोगों की हर अपडेट को सिर्फ इसलिए फॉलो करना कि आप उनसे जुड़ीं सभी एक्टिविटीज को जान पायेंगें, अपना समय बर्बाद करना है. ढूंढ-ढूंढ कर उनकी पोस्ट्स-तस्वीरों को पढने-देखने की प्रवृत्ति न पालें. जहां तक हो सके, ऐसी ताकाझांकी करने से बचें. वर्तमान भागदौड़ भरी जिंदगी में चाहे दोस्त हो या रिश्तेदार एक-दूसरे से मिल कर हंसी-खुशी के चार पल शेयर करना मुश्किल हो गया है. ऐसे में आपके रिश्तों में जो भी थोड़ी-बहुत मिठास बची है, वह भी आपकी इस जासूसी से बर्बाद हो सकती है. बेहतर होगा एक आम दोस्त की तरह ‘अपनों’ के प्रोफाइल से भी जुड़ी रहें और जब जरूरी हो, तब सहजता से अपनी प्रतिक्रिया दें.
व्यक्तिगत बातों पर कमेंट नहीं
सोशल मीडिया पर शेयर किये गये तस्वीरों और विचारों के आधार पर किसी इंसान के व्यक्तिगत जीवन पर कमेंट्स करने से बचें. नाते-रिश्तेदार एक दूसरे की व्यक्तिगत जिंदगी और हालातों से बखूबी परिचित होते हैं, लेकिन पब्लिक प्लेटफॉर्म पर पर्सनल मैटर्स को डिस्कस न करना ही बेहतर है. किसी ने अगर आपसे अपनी कोई पर्सनल बात या हालात शेयर किया हो, तो उसका मजाक न उड़ाएं. यह व्यवहार आपके रिश्तों में खटास ला सकता है. वर्चुअल मीडिया को पर्सनल बातों से अलग रखने की भरसक कोशिश करें. अगर करना जरूरी भी हो, तो अपनी बात कहते हुए हमेशा सम्मानजनक और सधी हुई भाषा का इस्तेमाल करें.
न बनें जजमेंटल
कोई व्हाट्स एप्प स्टेटस आपको पढ़वाने के लिए अपडेट किया गया है या आपको दिखाने के लिए ही तस्वीरें साझा की गयी हैं, ऐसा ना सोचें. सोशल मीडिया में हर बात को लेकर शक करने या जजमेंटलल होने से बचें. कई ऐसे व्यवहार से तंग आकर लोग अपने फैमिली मेंबर्स और अन्य संबंधियों को ब्लॉक तक कर देते हैं या फिर अपनी जो पोस्ट्स उन्हें नहीं दिखाना चाहते हैं, उन्हें व्हाट्स एप्प स्टेटस या फेसबुक पोस्ट की सूची से बाहर रखते हैं. अब तय आपको करना है कि आप क्या चाहते हैं- रिश्तों से दूरी या उनकी मिठास.
करें प्राइवेसी का सम्मान
सोशल मीडिया में आपसे जुड़े लोग भले ही आपके रिश्तेदार हों, यहां बतौर यूजर उनकी प्राइवेसी का सम्मान करना ना भूलें. जिन रूल्स को आप अनजाने दोस्तों के लिए फॉलो करते हैं, अपनों के मामले में भी उनका अनुसरण करें. प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए अपने नाते-रिश्तेदारों को हर पोस्ट में टैग न करें. ओवरशेयरिंग की आदत से भी बचें. रिश्तेदारों के तस्वीरों को अपनी वॉल पर आये दिन साझा नकरें. यहां तक कि किसी बच्चे की तस्वीरें भी उसके माता-पिता से पूछ कर ही शेयर करें, भले ही वह आपके किसी बेहद करीबी रिश्तेदार का बच्चा ही क्यूं न हो. कहने का तात्पर्य यह कि तकनीक की इस दुनिया में हर किसी की प्राइवेसी का सम्मान करें.सोशल मीडिया अब हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है. यही वजह है कि जाने-अनजाने दोस्त हों, रिश्तेदार हों या फिर सोशल मीडिया के अन्य पक्षों से जुड़ा कोई मामला हो, उसकी सही एवं गहन समझ जरूरी है. हाल ही में यूजीसी द्वारा बनाये गए जीवन कौशल कार्यक्रम में ‘सोशल मीडिया की नैतिकता और शिष्टाचार और गूगल का बेहतर इस्तेमाल कैसे करें’ जैसे विकल्प भी शामिल किये गये हैं, जिसके तहत बच्चों को सोशल मीडिया के नैतिक मापदंड और शिष्टाचार सिखाया जाता है.