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बढ़ रही है मांग, कम पड़ सकती है इंसुलिन
एक स्टडी के मुताबिक इंसुलिन की बढ़ती मांग को देखते हुए अगर आपूर्ति और कीमत में कमी नहीं की गयी, तो बहुत से डायबिटीज मरीजों को इंसुलिन नहीं मिल पायेगा. अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो अगले 12 सालों में टाइप 2 डायबिटीज का सफल इलाज करने के लिए 20 प्रतिशत अधिक इंसुलिन की जरूरत होगी. लेकिन […]
एक स्टडी के मुताबिक इंसुलिन की बढ़ती मांग को देखते हुए अगर आपूर्ति और कीमत में कमी नहीं की गयी, तो बहुत से डायबिटीज मरीजों को इंसुलिन नहीं मिल पायेगा. अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो अगले 12 सालों में टाइप 2 डायबिटीज का सफल इलाज करने के लिए 20 प्रतिशत अधिक इंसुलिन की जरूरत होगी. लेकिन साल 2030 तक दुनिया के 7 करोड़ 90 लाख टाइप 2 डायबिटीज के आधे मरीजों तक भी इंसुलिन नहीं पहुंच पायेगा.
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के डॉ संजय बासु कहते हैं कि एशिया और अफ्रीकी देशों में इंसुलिन की सबसे ज्यादा कमी देखने को मिल रही है. 1980 में दुनिया की 5 प्रतिशत आबादी डायबिटीज से पीड़ित थी, वहीं आज 10 प्रतिशत आबादी पीड़ित है. दुनियाभर में टाइप 2 डायबिटीज तेजी से फैल रहा है, जिसका संबंध मोटापा और एक्सरसाइज की कमी से है.
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