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Gita Updesh: गुस्सा और कलह से करें तौबा – छोटी सी कलह बन सकती है बड़ी आग

Gita Updesh: गीता उपदेश में बताया गया है कि कलह एक छोटी बात नहीं, बल्कि विनाश की जड़ है. जानिए कैसे बचें इससे और पाएं जीवन में शांति.

Gita Updesh: गीता सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाली अमूल्य सीखों का भंडार है. इसके हर श्लोक में छुपा है एक गहरा अर्थ, जो जीवन में आने वाली हर परिस्थिति में हमारा मार्गदर्शन करता है.

Gita Updesh In Hindi: गीता का उपदेश कहता है-

“कलह को छोटी बात नहीं समझनी चाहिए, उसका परिणाम बहुत भयंकर होता है. कलह से गरीब की छोटी सी झोपड़ी में आग लगती है, तो उससे बड़े-बड़े धनियों का धन-धान्य भी जल जाता है.”

गीता उपदेश


यह वाक्य आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक है, जब छोटी-छोटी बातों में भी मनुष्य आपसी रिश्तों को तोड़ बैठता है.

Gita Updesh on Conflict: कलह कैसे बनती है रिश्तों की सबसे बड़ी दुश्मन

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Bhagavad Gita Teachings On Anger
How To Avoid Conflict According To Gita
Gita Updesh on Conflict

इस उपदेश का मूल संदेश यही है कि कलह (झगड़ा या विवाद) को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. यह आग की तरह होता है, जो धीरे-धीरे सब कुछ राख कर देता है. चाहे परिवार हो, समाज हो या कार्यस्थल, जहां भी कलह का बीज बोया जाता है, वहां विनाश अवश्यंभावी होता है.

गरीब की झोपड़ी और अमीर की हवेली एक साथ जलते हैं

गीता हमें यह सिखाती है कि कलह का प्रभाव सीमित नहीं होता. एक छोटी सी बहस भी बहुत बड़ी हानि का कारण बन सकती है.
यह वाक्य हमें बताता है कि अगर किसी गरीब के घर में कलह की चिंगारी उठती है, तो उसका असर सिर्फ उसी पर नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों पर पड़ता है. यहां तक कि धनी और समर्थ लोग भी उसकी चपेट में आ जाते हैं. यानी, कलह का दुष्प्रभाव वर्ग, धर्म या संपत्ति देखकर नहीं आता.

Spiritual Solutions to Anger and Conflict:  कैसे बचें कलह से?

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Bhagavad Gita Teachings On Anger

How To Avoid Conflict According To Gita
How to avoid conflict according to Gita

1. संयम रखें: गीता में कहा गया है कि क्रोध और वाणी पर नियंत्रण सबसे पहला उपाय है.
2. क्षमा भाव रखें: क्षमा करना न केवल दूसरे को शांति देता है, बल्कि आपके भीतर भी क्रोध की आग को बुझाता है.
3. संवाद बनाएं रखें: संवाद की कमी ही कलह का मुख्य कारण बनती है. इसलिए किसी भी रिश्ते में खुलकर और प्रेमपूर्वक बात करें.
4. अहंकार त्यागें: कलह का मुख्य कारण अक्सर अहंकार होता है. गीता बार-बार कहती है कि अहंकार का त्याग ही मुक्ति का मार्ग है.
5. आत्म-ज्ञान अपनाएं: जब व्यक्ति अपने वास्तविक स्वरूप को समझ लेता है, तो बाहरी झगड़े व्यर्थ लगने लगते हैं.

गीता का यह उपदेश आज हर व्यक्ति के लिए जरूरी है. आधुनिक जीवन की तेज रफ्तार में हम छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करते हैं, तकरार करते हैं और रिश्ते खराब कर बैठते हैं.

याद रखें, कलह एक छोटी चिंगारी नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को जलाने वाली ज्वाला बन सकती है. गीता हमें यही सिखाती है कि आत्मसंयम, क्षमा और शांति ही सच्चे जीवन का मार्ग है.अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में शांति बनी रहे, तो गीता के इस उपदेश को सिर्फ पढ़ें नहीं, बल्कि आत्मसात करें.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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