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Cooking Oil Reuse: एक बार इस्तेमाल किए गए कुकिंग ऑयल से दोबारा न पकाएं खाना, जानें इसके नुकसान

Cooking Oil Reuse:पहले से इस्तेमाल किए गए तेल को फिर से गर्म किया जाता है, तो इसके हानिकारक प्रभाव हृदय रोग, डेमेंशिया, अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग सहित विभिन्न हेल्थ प्रॉब्लमस का कारण बन सकता है.

Cooking Oil Reuse: चूंकि भारतीय घरों में नियमित रूप से तेल का उपयोग होता है, इसलिए कई लोग छानने, तलने के काम आए तेल का उपयोग फिर से खाना पकाने के लिए कर लेते हैं. ‘तेल’ खाना पकाने की सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली आवश्यकताओं में से एक है. भोजन के स्वाद को बढ़ाने से लेकर आपको विभिन्न पोषक तत्व प्रदान करने तक, उपयुक्त खाना पकाने का तेल आपके भोजन और स्वास्थ्य के लिए चमत्कार कर सकता है. लेकिन एक बार पूरी, कचौड़ी, पकौड़े तलने में इस्तेमाल किए गए तेल का खाना पकाने में फिर से उपयोग करना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक है क्योंकि यह आपको कई तरह के हेल्थ रिस्क में डाल सकता है. यह आपके स्वास्थ्य को क्या नुकसान पहुंचा सकता है? आगे पढ़ें…

एक बार किसी भी चीज को तलने में इस्तेमाल किए गए तेल का उपयोग इस वजह से नहीं करना चाहिए-

  • यह शरीर में टॉक्सिन का कारण बनता है, जिससे हृदय और अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.

  • जब पहले इस्तेमाल किए गए तेल को फिर से गर्म किया जाता है, तो इसके हानिकारक प्रभाव हृदय रोग, डेमेंशिया, अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग सहित विभिन्न हेल्थ प्रॉब्लमस का कारण बन सकता है.

  • जब तेल को फिर से गर्म किया जाता है, यह शरीर के लिए जहरीला और खतरनाक हो जाता है और डीएनए, आरएनए और प्रोटीन एक्टिवटी में बाधा डालता है.

सूजन और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है

कार्सिनोजेन शरीर में कैंसर के विकास से जुड़ा एक रसायन है. खाना पकाने के तेल जिन्हें फिर से गर्म किया गया है, उनमें पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) और एल्डिहाइड जैसे खतरनाक यौगिक शामिल हैं, जो शरीर में कैंसर और सूजन के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं. इसके अलावा, यदि आप लंबे समय से अत्यधिक सूजन से पीड़ित हैं, तो संभव है कि घटिया या पुन: उपयोग किए गए खाना पकाने का तेल इसका कारण हो. यदि ठीक से इलाज नहीं किया जाता है, तो यह आपकी इम्यूनिटी को कम कर सकता है, जिससे आप बीमारियों और संक्रमणों से जल्दी प्रभावित हो सकते हैं.

बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है

दोबारा इस्तेमाल किया जाने वाला कुकिंग ऑयल एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ने देता है. जब तेल को उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है तो कुछ फैट ट्रांस फैट में बदल जाते हैं. जब स्मोक्ड ब्लैक ऑयल को दोबारा गर्म किया जाता है, तो यह और भी अधिक ट्रांस फैट पैदा करता है, जो किसी के सामान्य स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक होता है. लंबे समय तक एक ही तकनीक का पालन करने से आपको स्ट्रोक, मोटापा, सीने में तकलीफ, अपच और यहां तक ​कि हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा होता है, क्योंकि ट्रांस फैट का सेवन शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है

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एसिडिटी और जलन का अनुभव होता है

खाना पकाने के तेल का पुन: उपयोग करने से फैट में बासीपन आ जाता है, जो एक जहरीली प्रक्रिया है. नमी, हवा या प्रकाश के एक संक्षिप्त संपर्क के बाद तेल आंशिक या कुल ऑक्सीकरण से गुजरते हैं, और इसे बासीपन (rancidity) के रूप में जाना जाता है. हर बार जब तेल गरम किया जाता है, तो तेल के कण बदल जाते हैं और तेल और उसमें पकाए गए भोजन को खराब स्वाद और गंध देते हैं. ऐसे तेल और भोजन के सेवन से एसिडिटी, पेट में जलन, गले की समस्या और अन्य विकार हो सकते हैं.

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