नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘उड़ता पंजाब’ के निर्माताओं को बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक फिल्म के प्रोमोस का एक दृश्य हटाने को आज कहा. इस निर्देश के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका का निबटारा कर दिया.
न्यायमूर्ति सुनील गौड और न्यायमूर्ति पी.एस. तेजी की पीठ ने इस फिल्म के निर्माता फैंटम फिल्म्स को अपने प्रोमो में ‘तब्दीली’ करने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि यह दृश्य यूट्यूब जैसी आनलाइन साइटों से भी हटाया जाय.
बंबई उच्च न्यायालय ने उस एक दृश्य हटाने का आदेश दिया था जिसमें फिल्म के नायक को एक सार्वजनिक जगह पर पेशाब करते दिखाया गया है.
इस अदालत ने पंजाब के गैर सरकारी संगठन ‘ह्यूमन राइट्स अवेयरनेस एसोसिएशन’ के अन्य अनुरोधों पर गौर नहीं किया क्योंकि उसने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.
इस बीच, सीबीएफसी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से पेश केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता राजेश गोगना ने अदालत को बताया कि सीबीएफसी बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती नहीं देगा. उन्होंने यह भी कहा कि सीबीएफसी इस फिल्म के सिनेमाघरों में प्रदर्शन के लिए प्रमाणपत्र देगा.
उल्लेखनीय है कि बंबई उच्च न्यायालय ने 13 जून को ‘उडता पंजाब’ फिल्म से पेशाब वाले दृश्य को हटाने का आदेश देने के बाद इस फिल्म को रिलीज करने का रास्ता साफ कर दिया.