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RIP Sadhana : बॉलीवुड की पहली ”Fashion Icon”

मुंबई : हिंदी सिने जगत के कुछ सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक ‘झुमका गिरा रे’ में अपने रुप का जादू जगाने वाली हिंदी सिनेमा के 1960 एवं 70 के दशक की चुलबुली और खूबसूरत अदाकारा साधना आज भले ही इस दुनिया में न हों, लेकिन अभिनय की उनकी बहुमुखी प्रतिभा, सुंदरता तथा अनोखा हेयरस्टाइल […]

मुंबई : हिंदी सिने जगत के कुछ सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक ‘झुमका गिरा रे’ में अपने रुप का जादू जगाने वाली हिंदी सिनेमा के 1960 एवं 70 के दशक की चुलबुली और खूबसूरत अदाकारा साधना आज भले ही इस दुनिया में न हों, लेकिन अभिनय की उनकी बहुमुखी प्रतिभा, सुंदरता तथा अनोखा हेयरस्टाइल शायद ही कभी लोगों के जेहन से उतरे.

साधना को कई फैशन ट्रेंड शुरु करने का श्रेय जाता है. चुस्त ‘चुडीदार-कुर्ता’ उन्होंने ही मशहूर किया. वह सांताक्रूज इलाके में किराये के अपार्टमेंट में रह रही थीं. वह आशा पारेख, वहीदा रहमान, नंदा और हेलेन जैसी अपनी समकालीन अभिनेत्रियों के संपर्क में थीं. उन्हें 2002 में आईफा की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया.

साधना का 74 साल की उम्र में यहां सांताकू्रज स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वह कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं. अभिनेत्री के तौर पर उनका करियर करीब 15 वर्षों तक शानदार ढंग से चला. अपने करियर में उन्होंने उस जमाने के सबसे लोकप्रिय देव आनंद, जॉय मुखर्जी, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और मनोज कुमार जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया.

यादगार फिल्मों में ‘हम दोनों’, ‘एक मुसाफिर एक हसीना’, ‘असली-नकली’, ‘मेरे महबूब’ और ‘वो कौन थी’, ‘गीता मेरा नाम’, ‘एक फूल दो माली’, ‘इंतकाम’, ‘आरजू’, ‘मेरा साया’ और ‘मिस्टरी गर्ल’ भी शामिल हैं. फिल्म ‘लव इन शिमला’ के सेट पर निर्देशक राम कृष्ण नैयर और साधना के बीच प्रेम संबंध बने तथा 1966 में दोनों ने शादी कर ली. नैय्यर का 1995 में निधन हो गया था.

ब्रिटिश शासन वाले भारत के कराची में एक सिंधी परिवार में जन्मी साधना का नाम उसके पिता की पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर रखा गया था. उनके पिता और अभिनेता हरि शिवदसानी भाई थे. हरि की बेटी अभिनेत्री बबिता कपूर हैं.फिल्म ‘लव इन शिमला’ में साधना का अनोखा हेयरस्टाइल पहली बार दिखा और बाद में यही ‘साधना कट’ नाम दिया गया. यह ‘साधना कट’ हेयरस्टाइल हॉलीवुड अभिनेत्री ऑन्ड्री हेपबर्न से प्रेरित था. इस फिल्म के बाद साधना बिमल रॉय की फिल्म ‘परख’ में नजर आईं और इसमें उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया.

साधना ने देव आनंद के साथ फिल्म ‘हम दोनों’ में काम किया और इसका ‘अभी ना जाओ छोडकर’ गीत सदाबहार गानों में शुमार किया जाता है. ये दोनों ‘असली नकली’ फिल्म में भी साथ आए. फिल्म ‘वो कौन थी’ के लिए साधना को पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर नामांकन मिला. इस फिल्म में मनोज कुमार उनके हीरो थे. यश चोपडा निर्देशित फिल्म ‘वक्त’ के लिए साधना को दूसरा फिल्मफेयर नामांकन मिला.

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