ग्रैंड मस्ती
निर्माता : अशोक ठाकरिया, इंद्र कुमार
निर्देशक : इंद्र कुमार
संगीत : आनंद राज, संजीव दर्शन
कलाकार : विवेक ओबेरॉय, रितेश देशमुख, आफताब शिवदासानी, मंजरी फडणीस, करिश्मा तत्रा, सोनाली कुलकर्णी, ब्रूना अब्दुल्ला, मरयम जकारिया, कायनात अरोरा, सुरेश मेनन
कहानी :कॉलेज के दिन जीवन के सबसे ज्यादा मौज-मस्ती भरे दिन माने जाते हैं. उस वक्त न कोई चिंता रहती है ना डर, हर समय "मस्ती" की सूझती रहती है. इसी थीम पर बनी है एडल्ट कॉमेडी फिल्म ग्रेंड मस्ती.
अमर (रितेश देशमुख), मीत (विवेक ओबेरॉय) और प्रेम (आफताब शिवदासानी) को कॉलेज छोड़े हुए छ: वर्ष हो गये हैं और वे अभी भी उन दिनों को याद करते रहते हैं. कॉलेज में एक समारोह का आयोजन होता है और पुराने विद्यार्थियों को भी बुलाया जाता है. अमर, मीत और प्रेम को भी जब निमंत्रण मिलता है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता. वे मौज-मस्ती से भरे दिनों को एक बार फिर जीना चाहते हैं. अपनी पत्नियों को छोड़ वे कॉलेज जा पहुंचते हैं. तीनों की खुशी ज्यादा देर नहीं टिक पाती. प्रिंसिपल रॉबर्ट डिसूजा की सख्ती के आगे उनकी दाल नहीं गल पाती. अमर, मीत और प्रेम तरकीब ढूंढ़ते हैं और इसके बाद शुरू होता है मजेदार घटनाओं का सिलिसला.
हॉरर स्टोरी
बैनर : एएसए प्रोडक्शन एंड एंटरप्राइजेस
निर्देशक : आयुष रैना
कलाकार : करण कुंद्रा, रविश देसाई, हासन जैदी, नंदिनी वैद्या, शीतल सिंह, अपर्णा बाजपेयी
सात युवा, जो स्कूल और कॉलेज में साथ पढ़े हैं, सालों बाद मिलते हैं क्योंकि उनमें से एक करियर बनाने विदेश जाने वाला है. उसके लिए फेअरवेल पार्टी रखी गयी है, लेकिन ये पार्टी कुछ और में ही बदल जाती है. वे एक पब में पहुंचते हैं. पीने-पिलाने का दौर चलता है. झगड़ा होता है और इसके पहले कि कुछ समझ में आये वे अपने आपको होटल में पाते हैं. यह होटल हांटेड है. वे इस होटल में मौज-मस्ती करने का निर्णय लेते हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं रहता कि यह उनकी जिंदगी की सबसे भयावह रात हो सकती है या यूं कहे कि उनकी जिंदगी की आखिरी रात हो सकती है.
बैनर : चैनल एंटरटेनमेंट, अंजुम रजिवी फिल्म कंपनी
निर्माता : के आसिफ, अंजुम रजिवी, आतिफ ए खान
निर्देशक : अहिशोर सोलोमन
संगीत : क्षिती तारे, स्ट्रग्सिं
कलाकार : नसीरुद्दीन शाह, रणदीप हुड्डा, शेरनाज पटेल, शरत सक्सेना, विपिन शर्मा, मकरंद देशपांडे
जॉन डे एक थ्रिलर मूवी है. फिल्म के निर्देशक अहिशोर सोलोमन का कहना है कि उनकी फिल्म की यूएसपी अनोखी कास्टिंग है. एक युवा लड़की की रहस्यमय परिस्थितियों हुई मौत कई रहस्य और षड्यंत्र को प्रकट करती है. लड़की का पिता जॉन डे एक सरल, ईमानदार और धर्म भीरू व्यक्ति है. पुलिस ऑफिसर गौतम इस दुखद घटना के पीछे का खिलाड़ी है.