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श्रीदेवी के शव को वापस भारत लाने में क्‍यों लग रहा है इतना समय, जानें विदेश से शव लाने की प्रक्रिया

बॉलीवुड की दिग्‍गज अदाकारा श्रीदेवी का शनिवार को रात तकरीबन 11 बजे निधन हो गया. उनका निधन दुबई में दिल का दौरान पड़ने से हुआ. श्रीदेवी अपने पूरे परिवार के साथ पिछले दिनों अपने भतीजे और अभिनेता मोहित मारवाह की शादी में शामिल होने दुबई में थीं. भारतीय दूतावास के अधिकारी दुबई के स्‍थानीय अधिकारियों […]

बॉलीवुड की दिग्‍गज अदाकारा श्रीदेवी का शनिवार को रात तकरीबन 11 बजे निधन हो गया. उनका निधन दुबई में दिल का दौरान पड़ने से हुआ. श्रीदेवी अपने पूरे परिवार के साथ पिछले दिनों अपने भतीजे और अभिनेता मोहित मारवाह की शादी में शामिल होने दुबई में थीं. भारतीय दूतावास के अधिकारी दुबई के स्‍थानीय अधिकारियों के साथ जल्‍द से जल्‍द भारत लाने की कोशिश में जुटे हैं. हालांकि साफ नहीं हो पाया है इसमें और कितनी देर लगेगी. जानें प्रक्रिया…

श्रीदेवी के भारत में रह रहे फैंस में यह जानने में रूचि है कि विदेश से शव लाने की क्‍या प्रक्रिया है और इसमें कितना समय लगेगा. मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस क्रीमटोरियम में श्रीदेवी के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो गई हैं. बताया जा रहा है कि थोड़ी ही देर में उनका शव मुंबई लाया जायेगा.

विदेश से शव लाने की प्रक्रिया क्‍या है

विदेश मे हुई किसी की भी मृत्‍यु के मामले में शव को भारत वापस लाने के लिए कई दस्‍तावेजों की जरूरत होती है. विदेश मंत्रालय ने इससे जुड़ी तमाम और विस्‍तृत जानकारी अपनी वेबसाइट पर दे रखी है. इसके अनुसार शव वापसी के लिए मेडिकल रिपोर्ट और डेथ सर्टिफिकेट जरूरी है जो कि स्‍थानीय अस्‍पताल से जारी किया गया हो.

पुलिस रिपोर्ट की कॉपी अगर एक्‍सीडेंटल या अननेचुरल डेथ का मामला हो (इंग्लिश ट्रांसलेशन की कॉपी अगर रिपोर्ट किसी अन्य भाषा में लिखी हो) तो मृतक के किसी नजदीकी परिजन से कंसेंट लेटर जो की नोटरी से अटेस्टेड हो, पासपोर्ट और वीजा के पन्‍नों की कॉपी (कैंसिलेशन के लिए), इसके अलावा शव पर लेपन का क्‍लीयरेंस और उसकी व्‍यवस्‍था जरूरी होती है. मृतक किसी संक्रामक रोब से पीडित नहीं था इसकी सर्टिफिकेट भी जरूरी होता है. देश के हिसाब से ये तमाम नियम बदल सकते हैं लेकिन मूलत: इसी तरह के रहते हैं.

प्राकृतिक और अप्राकृतिक मौत

प्राकृतिक मौत (Natural Death) के मामले में शव को वापस लाने में ज्‍यादा समय नहीं लगता. लेकिन अप्राकृतिक मौत (Unnatural death) के मामले में यह प्रक्रिया लंबी चलती है. क्‍योंकि स्‍थानीय स्‍तर पर पुलिस इसकी जांच पड़ताल करती है और उससे जुड़े सबूत जुटाती है. शव को वापस लाने की प्रक्रिया के दौरान भारतीय दूतावास कांसुलेट लगातार मृतक के परिजनों के संपर्क में रहते हैं.

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