नयी दिल्ली : 61वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में इस बार कई हस्तियां ऐसी थीं जो एक से अधिक दफा अलग अलग श्रेणी में यह पुरस्कार हासिल कर चुकी हैं. इनमें से गिरीश कसरावल्ली को 14वीं दफा और पी शेषाद्री को 10वीं दफा सम्मानित किया गया.
कल आयोजित हुए इस समारोह में गिरीश कसरावल्ली को उनके जीवन का 14वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (रजत कमल और एक लाख रुपये नगद) फिल्म अनंतमूर्ति नॉट ए बायोग्राफी बट ए हाइपोथीसिस के लिये दिया गया. उन्हें यह पुरस्कार विशेष जूरी ने दिया.
इसी तरह पी. शेषाद्रि को दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिए गये और उन्होंने कुल मिलाकर 10 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हासिल किये है. उन्हें उनके जीवन का नौवां पुरस्कार (रजत कमल और एक लाख रुपये नगद) सर्वश्रेष्ठ कन्नड फिल्म दिसम्बर 1 के लिये मिला और इसी फिल्म के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा लेखन के लिये उनका 10वां राष्ट्रीय पुरस्कार (रजत कमल और पचास हजार रुपये नगद) यहां दिया गया.
असमी फिल्मों के निर्देशक जानू बरुआ को उनकी जिंदगी का 10वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (रजत कमल और एक लाख रुपये नकद) उनकी फिल्म अजेया को मिले सर्वश्रेष्ठ असमिया फिल्म के लिये मिला. मराठी फिल्म अस्तु के लिए सुमित्रा भावे को 7वीं दफा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया. उन्हें यह पुरस्कार (रजत कमल और पचास हजार रुपये नगद) सर्वश्रेष्ठ पटकथा संवाद के लिये प्रदान किया गया.
कन्नड फिल्मों के निर्माता और व्यवसायी बसंत कुमार को भी उनका सातवां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (रजत कमल और एक लाख रुपये नकद) कन्नड फिल्म दिसंबर 1 के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए दिया गया. राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में बांग्ला फिल्म जातीश्वर के लिए सर्वश्रेष्ठ मेकअप कलाकार का पुरस्कार (रजत कमल और पचास हजार रुपये नगद) पाने वाले विक्रम गायकवाड का यह चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार था. इससे पहले उन्हें 2011 में भी हिंदी फिल्म द डर्टी पिक्चर के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है.
तमिल फिल्मों के प्रमुख निर्देशकों में से एक बालू महेन्द्र के जीवन का यह सातवां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (स्वर्ण कमल और डेढ लाख रुपये नगद) था जिसे उनके पोते श्रेयश ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से प्राप्त किया. उन्हें ये पुरस्कार उनकी अन्तिम फिल्म तलैमुरैगल के लिए दिया गया. बालू की फिल्म को राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिये नर्गिस दत्त पुरस्कार प्रदान किया गया. बालू की वर्ष 2014 में मृत्यु हो गयी थी.
हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा का भी यह दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार था. उन्हें भाग मिल्खा भाग के लिए सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार (स्वर्ण कमल और दो लाख रुपये नकद) दिया गया. उनकी फिल्म रंग दे बसंती को 2005 में इसी श्रेणी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है. समारोह में कल वर्ष 2013 का दादा साहब फाल्के पुरस्कार (स्वर्ण कमल और दस लाख रुपये नकद) जाने माने गीतकार, पटकथा लेखक और निर्देशक गुलजार को प्रदान किया गया.
इससे पहले गुलजार की फिल्म कोशिश, मासूम, इजाजत, लेकिन और माचिस को अलग अलग श्रेणियों में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है. गुलजार साहब को ग्रेमी, आस्कर, साहित्य अकादमी और पदम पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.