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गूगल ने सुर सम्राट रफी को कुछ यूं दिया तोहफा

मुंबई : सर्च इंजन गूगल ने सुर सम्राट मोहम्मद रफी की 93वीं जयंती पर आज एक डूडल बनाकर उन्हें याद किया. डूडल में रफी हेडफोन लगाये गाते दिखाई दे रहे हैं. पंजाब के अमृतसर जिले के मजिठा के पास कोटला सुल्तान सिंह गांव में 24 दिसंबर, 1924 को जन्मे रफी ने कई भाषाओं में सात […]

मुंबई : सर्च इंजन गूगल ने सुर सम्राट मोहम्मद रफी की 93वीं जयंती पर आज एक डूडल बनाकर उन्हें याद किया. डूडल में रफी हेडफोन लगाये गाते दिखाई दे रहे हैं. पंजाब के अमृतसर जिले के मजिठा के पास कोटला सुल्तान सिंह गांव में 24 दिसंबर, 1924 को जन्मे रफी ने कई भाषाओं में सात हजार से ज्यादा गाने गाये. उनकी मुख्य पहचान हिंदी गायक के रुप में थी और उन्होंने तीन दशक के अपने करियर में ढेरों हिट गाने दिये.

रफी ने छह फिल्म फेयर पुरस्कार और एक राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था. उन्हें 1967 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया. रफी ने हिंदी फिल्मों के लिए ओ दुनिया के रखवाले (बैजू बावरा), पत्थर के सनम (पत्थर के सनम), चौदहवीं का चांद हो (चौदहवीं का चांद), ये दुनिया अगर मिल भी जाए (प्यासा), दिन ढल जाए (प्यासा), बाबुल की दुआएं लेती जा (नीलकमल), तारीफ करुं क्या उसकी (कश्मीर की कली) जैसे अनगिनत हिट गाने दिये जो आज भी गुनगुनाये और पसंद किये जाते हैं.

नौशाद, एस डी बर्मन, शंकर-जयकिशन, रवि, मदन मोहन, ओ पी नैयर और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जैसे कई संगीतकारों के साथ काम करने वाले रफी को उनकी बेहद कर्णप्रिय आवाज के लिए जाता है. उन्होंने रोमांटिक , क्ववाली, गजल, भजन जैसे तमाम तरह के गाने गाये.

31 जुलाई, 1980 को दिल का दौरा पडने से रफी का निधन हो गया. तब उनकी उम्र केवल 55 साल थी.

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