प्रसिद्ध होने की चाहत करीब-करीब हर किसी में होती है. हर कोई चाहता है कि कुछ ऐसा करे ताकि लोग उसे जानें. इसके लिए सभी कार्य करते हैं, लेकिन किस्मत किसी-किसी पर ही मेहरबान होती है और केवल एक मौका प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचा देता है. पटना जिले के बड़हिया के निवासी ट्रिवागो ब्वाय अभिनव कुमार भी ऐसे ही युवकों में से हैं, जो केवल काम में यकीन रखते थे लेकिन एक मौके ने उनको विश्व स्तर पर फेमस कर दिया. प्रभात खबर ऑफिस पटना में आये अभिनव ने विभिन्न मुद्दों पर बातें कीं.
-बिहार के रहने वाले हैं और दस सालों से विदेश में रह रहे हैं. ऐसे में बिहार कितना मिस करते हैं?
मैं जब यहां पर रहता था तो केवल काम भर के लिए ही पढ़ता था यानि औसत दर्जे का छात्र था. देश से बाहर निकल कर जब पहले इटली में स्टडी किया और फिर जर्मनी आया तब घर की बहुत याद आती थी. करीब दस सालों से विदेश में हूं और ढ़ाई सालों के बाद घर आया हूं. मैं जहां काम करता था वहां अपनी सर्किल का कोई भी नहीं था. अकेले रहने पर याद ज्यादा आती है. जर्मनी में भारतीय त्योहार को कोई सेलिब्रेट नहीं करता है लेकिन जब भी कोई अपने स्तर पर कार्यक्रम को सेलिब्रेट करता है तो जरूर जाता हूं. कुछ दिन पहले ऑफिस में दीवाली को सेलिब्रेट किया. खाने में लिट्टी चोखा और कचौड़ी को बहुत मिस करता हूं.
-आपको लोग सेलिब्रेटी मानते हैं? इस बारे में आपका क्या कहना है?
मैं तो आम आदमी था और अपने काम को कर रहा था. ट्रिवागो में काम करने के दौरान ही मुझे विज्ञापन करने के लिए भी कह दिया गया. बाकी प्रभात खबर ने मेरी न्यूज को छाप कर मुझे सेलिब्रेटी बना दिया. अपने यहां तो लोग जानने लगे हैं और अब इंडिया में भी जहां कहीं जाता हूं. लोग अब सेलिब्रेटी मानने लगे हैं.
-होटल इंडस्ट्री में भी प्रतिस्पर्द्धा है. ओयो जैसी कंपनियां हैं. बिहार को लेकर आपकी कंपनी की क्या स्ट्रैटजी है?
यह सही है कि ट्रिवागो के प्रोडक्ट की फोकस बड़े शहरों के लिए है हालांकि झारखंड में हमारा काम हो रहा है. बड़े शहरों में लोग ट्रिवागो को जानते हैं. दरअसल होटल बिजनेस में इंटरनेट की कनेक्टिविटी और परचेजिंग पावर का रोल बहुत अहम होता है. अभी हमारे यहां इंटरनेट कवरेज करीब 20 से 22 प्रतिशत है और टीवी का कवरेज इससे कहीं ज्यादा करीब 70 से 80 प्रतिशत है. लिहाजा थोड़ा बहुत असर तो पड़ता ही है. दूसरी कंपनियां बजट होटल के ऊपर फोकस करती हैं. बहुत जल्द हम भी ऐसा करने की प्लानिंग करेंगे.
-आने वाले दिनों में बिजनेस में बदलाव हो सकता है?
इंडिया में हम हर तरह के होटल्स को प्रेफर व फोकस करते हैं. हमारा ज्यादा ध्यान ऑनलाइन बुक हो सकने वाले होटल्स पर होता है. हमारा डाटाबेस भी बहुत बड़ा है. इंडिया के अलावा विश्व स्तर पर हमारे पास डाटा बेस है. जब छोटे-छोटे होटल भी ऑनलाइन बुक होने की श्रेणी में हो जायेंगे तो यह हमारे लिए बेहतर होगा.
-युवाओं को क्या मैसेज देंगे?
जर्मनी में ही बिहार के कई लोग रहते हैं. हमारे यहां प्रतिभा की कोई कमीं नहीं है. यही कहूंगा कि ईमानदारी के साथ बेहतर से बेहतर करने का प्रयास करें. जब किस्मत में यश लिखा होगा तो वह जरूर मिलेगा.