GDP Growth: देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 13.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. इससे पिछले वित्त वर्ष (2021-22) की अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडपी) की वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही थी. कई विश्लेषकों ने तुलनात्मक आधार को देखते हुए देश की आर्थिक वृद्धि दर दहाई अंक में रहने का अनुमान जताया था.
13 फीसदी पर जीडीपी वृद्धि दर: रेटिंग एजेंसी इक्रा ने जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13 प्रतिशत जबकि भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट में इसके 15.7 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी. भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में 2022-23 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर करीब 16.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. चीन की वृद्धि दर 2022 की अप्रैल-जून तिमाही में 0.4 प्रतिशत रही है.
वार्षिक लक्ष्य के 20.5 फीसदी पर राजकोषीय घाटा: देश की अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही को इजाफा दिख रहा है लेकिन वहीं केंद्र का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के अंत तक वार्षिक लक्ष्य के 20.5 फीसदी पर पहुंच गया है. एक साल पहले की समान अवधि में यह 21.3 फीसदी था. बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा सार्वजनिक वित्त की स्थिति में सुधार को दर्शाता है. व्यय और राजस्व के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है.
लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, कर समेत सरकार की प्राप्तियां पहले चार माह में 2022-23 के लिए बजट अनुमान के 7.85 लाख करोड़ रुपये या 34.4 प्रतिशत पर पहुंच गई हैं. एक साल पहले की समान अवधि के दौरान यह लगभग इतनी ही यानी 34.6 प्रतिशत पर थीं. वहीं, कर राजस्व 6.66 लाख करोड़ रुपये या चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 34.4 प्रतिशत रहा. पिछले साल भी सरकार अप्रैल-जुलाई के दौरान अपने वार्षिक अनुमान का 34.2 प्रतिशत पाने में सफल रही थी.