नयी दिल्ली : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व चेयरमैन सी बी भावे के समर्थन में अब वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह भी उतर आए हैं. भावे के खिलाफ सीबीआई कार्रवाई का विरोध करते हुए सिंह ने कहा है कि इस तरह की घटनाओं को देखते हुये एक स्वतंत्र जांच एजेंसी की जरुरत महसूस होती है, जो संसद की निगरानी में काम करे.
पूर्व वित्त मंत्री व लोकसभा सदस्य सिंह से पहले भी कई प्रमुख लोगों ने भावे का समर्थन करते हुए उन्हें ईमानदार अधिकारी बताया है. सीबीआई ने पिछले सप्ताह भावे व सेबी के एक अन्य पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के एम अब्राहम के खिलाफ 2008 में एमसीएक्स स्टाक एक्सचेंज को लाइसेंस दिए जाने में अनियमितता को लेकर प्रारंभिक जांच :पीई: शुरु की है.
भाजपा नेता ने कहा कि जब सीबीआई ने यह सूचना लीक की कि उसने भावे व अब्राहम के खिलाफ पीई दर्ज की है, तो वह स्तब्ध रह गए. सिंह ने बयान में कहा, ‘‘संबंधित व्यक्तियों से संपर्क किए बिना और उनके विचार लिए बिना और सबूतों को परखे बिना इस तरह की लीक से किसी अधिकारी की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचता है.’’ सीबीआई की कार्रवाई की आलोचना करते हुए सिंह ने कहा कि जब ईमानदार अधिकारी अच्छा काम करता है, तो उनको यह संरक्षण मिलना चाहिए कि जांचकर्ता जल्दबाजी में मीडिया के पास जाकर उनकी प्रतिष्ठा को आघात नहीं पहुंचाएंगे.
उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना से एक बार फिर ऐसी सीबीआई की जरुरत महसूस होती है जोकि स्वतंत्र हो और संसद की निगरानी में काम करे. सिंह ने कहा, ‘‘मैं भावे को तब से जानता हूं जब मैं वित्त मंत्री था. वह देश के सर्वश्रेष्ठ आईएएस अधिकारी हैं जिनकी पहचान उनकी ईमानदारी को लेकर है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश व आनंद शर्मा तथा बैंकर दीपक पारेख ने भी भावे का समर्थन किया था.
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