नयी दिल्ली : सरकार भले ही देश में महंगाई कम होने का दावा कर रही हो, लेकिन फरवरी के महीने के दौरान थोक बाजार में खाने-पीने की चीजों ने लोगों की जेबों को जमकर ढीला कराया है. थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर फरवरी महीने में बढ़कर 39 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है. फरवरी में खाद्य सामग्री और कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे से महंगाई बढ़कर 6.55 फीसदी पर पहुंच गयी है. जनवरी में थोक मंहगाई 5.25 फीसदी पर थी.
मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी महीने में खाने-पीने की चीजों के दामों में महंगाई 2.69 फीसदी बढ़ी है, जबकि जनवरी में खाद्य कीमतों में 0.56 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी थी. फरवरी में महंगाई बढ़ने के लिए अनाज, चावल और फलों की कीमतों में इजाफा हुआ है.
थोक मंहगाई के आंकड़ों के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतें जनवरी के 18.14 फीसदी इजाफे की तुलना में फरवरी में 21.02 फीसदी रही. पेट्रोल की थोक मंहगाई जनवरी के 15.66 फीसदी के आंकड़े से बढ़कर फरवरी के दौरान 16.72 फीसदी दर्ज हुई है. थोक महंगाई के इन आंकड़ों के बाद केंद्र सरकार ने दिसंबर महंगाई दर के आंकड़ों में संशोधन करते हुए 3.39 फीसदी से बढ़ाकर 3.68 फीसदी कर दिया है.
थोक मुल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्तूबर में 3.39 फीसदी थी. वहीं, नवंबर, 2015 में यह -2.04 फीसदी थी. वहीं, सब्जियों के मामले में थोक मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) नवंबर में 24.10 फीसदी ( -24.10 फीसदी) नीचे आयी. यह लगातार तीसरा महीना था, जब सब्जियों की महंगाई में कमी की प्रवृत्ति बनी हुई है. सब्जियों के दाम में नरमी का अहम कारण प्याज का सस्ता होना है, जिसके दाम आधे से ज्यादा घट गये हैं.
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