नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने सरकार या इसकी नीतियों की आलोचना करने वाले कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है. ये निर्देश इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एसोसिएशनों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद के कुछ फैसलों का विरोध जताया था.
वित्त मंत्रालय ने इस बारे में हालिया आदेश में कहा है कि पहले भी निर्देश जारी किये गये हैं कि सभी संबद्ध सरकार व इसकी नीतियों पर प्रतिकूल टिप्पणियों से बचें. इसमें कहा गया है कि इसके निर्देशों का पालन नहीं किये जाने पर उचित कार्रवाई (अनुशासनात्मक कार्रवाई सहित) की जा सकती है. इन नियमों के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी केंद्र या राज्य सरकार की किसी मौजूदा या पूर्व नीति या कार्रवाई की किसी भी संचार माध्यम में आलोचना नहीं कर सकता या ऐसा बयान नहीं दे सकता, जो कि आलोचना जैसा हो. इन संचार माध्यमों में रेडियो प्रसारण, टीवी व किसी तरह के अन्य दस्तावेज शामिल हैं, जिनमें अपने या किसी अज्ञात नाम से ऐसा बयान आदि नहीं दिया जा सकता, जो सरकारी नीतियों के विपरीत लगता हो.
उल्लेखनीय है कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क व केंद्रीय उत्पाद), ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ सेंट्रल एक्साइज गजेटेड एक्जीक्यूटिव ऑफिसर्स, ऑल इंडिया सेंट्रल एक्साइज इंस्पेक्टर्स एसोसिएशन व ऑल इंडिया सेंट्रल एक्साइज व सर्विस टैक्स मिनीस्टरीयल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने हाल ही में जीएसटी परिषद के फैसलों के विरोध में प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था. भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क व केंद्रीय उत्पाद) ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ने संपर्क करने पर कहा है कि उनके सदस्य किसी भी रूप में सरकार की नीतियों पर प्रतिकूल टिप्पणी नहीं कर रहे. उन्होंने कहा कि हम इन दिशा-निर्देश से पूरी तरह सहमत हैं.
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