नयी दिल्ली : एयर इंडिया पांच बोइंग 777 विमान एतिहाद को बेचने तथा अपने ड्रीमलाइन विमानों को बेचकर तथा उसे पुन: पट्टे पर लेने से होने वाली आय का उपयोग अपने कर्ज के भुगतान और कार्यशील पूंजी की जरुरतों को पूरा करने में करेगी. आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि पांच बोइंग 777-200 लंबी दूरी के विमान अबू धाबी स्थित एतिहाद एयरवेज को बेचने से एयर इंडिया को 333.65 करोड़ डालर प्राप्त होने की संभावना है. इन विमानों का मालिकाना हक अप्रैल में एतिहाद को हस्तांतरित किया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार बिक्री के निर्णय से पहले इन विमानों को पट्टे पर देने या उसमें कुछ बदलाव कर कम दूरी वाले मार्गों पर तैनात करने जैसे विकल्पों पर विचार किया गया. हालांकि ये सभी विकल्प आर्थिक रुप से अव्यवहारिक पाये गये. साथ ही एयर इंडिया को अपने सात बोइंग 787-8 ड्रीमलाइन विमानों को बेचकर तथा उसे वापस पट्टे पर लेने से करीब 84 करोड़ डालर प्राप्त हो सकते हैं. विमानन कंपनी की इस प्रक्रिया से प्राप्त राशि का उपयोग ‘ब्रिज लोन’ के भुगतान में करने की योजना है जो उसने कोष के उपयोग के लिये इन विमानों के बदले लिया है.
एयर इंडिया को जो पहला 7 ड्रीमलाइनर मिला है, उसमें से 4 के लिये उसने इनवेस्टेक बैंक के साथ तथा 3 के लिये डोयच्चे बैंक के साथ पट्टे पर वापस लेने की व्यवस्था की गयी है. इस साल कंपनी को 6 और विमान मिलेंगे. अभी उसके पास 11 बोइंग 787 है. सूत्रों के अनुसार इन प्रक्रियाओं से प्राप्त राशि एयर इंडिया के कर्ज के भुगतान के लिये पर्याप्त होगी. जबकि अतिरिक्त राशि का उपयोग कार्यशील पूंजी की जरुरतों को पूरा करने के लिये किया जा सकता है. एक अनुमान के अनुसार एयर इंडिया पर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज और देनदारी है. मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने पिछले साल नवंबर में बोइंग 777 विमान एतिहाद को बेचने को मंजूरी दे दी.
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