नयी दिल्ली ( भाषा): सरकार नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को बदलकर नये नोट लेने की सुविधा को धीरे धीरे बंद कर सकती है. ऐसे नोट रखने वालों से अपनी राशि सीधे बैंक खातों में जमा करवाने को कहा जा सकता है. सरकार फिलहाल ऐसा सोच रही है. सूत्रों ने कहा कि बाजार में नकदी उपलब्धता का इच्छित स्तर हासिल होने के मद्देनजर सरकार इस बारे में विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि नोट बदने की सुविधा तो बाजार में नकदी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दी गई थी.
एक अधिकारी ने कहा,‘हम नोटबंदी के बाद बाजार में लगभग 60 प्रतिशत नकदी उपलब्धता बनाए रखना चाहते थे जिसे पहले ही हासिल कर लिया गया है. बाकी उपलब्धता सुनिश्चित होने के दौरान नोट बदलने की सुविधा को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जा सकता है. ‘ सूत्र ने कहा कि सरकार इंतजार कर रही है कि पहले नए नोट प्रणाली में चलन में आए. प्रणाली में नये नोट पर्याप्त संख्या में चलन में आने पर नोट बदलने की सुविधा समाप्त की जा सकती है.
फिलहाल कोई व्यक्ति अधिकतम 2000 रुपये तक के नोट बदलवा सकता है. उल्लेखनीय है कि सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी यानी 500 व 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी. तब सरकार ने लोगों से कहा था वे 9 नवंबर से 30 दिसंबर तक अपने पुराने नोट या तो बैंकों में जमा करवा दें या उन्हें नये नोटों से बलवा लें.
पहले कोई व्यक्ति अधिकतम 4000 रुपये प्रतिदिन नोट बलवा सकता था. बाद में इसे बढाकर 4500 रुपये प्रति दिन किया गया लेकिन सरकार ने कल घटाकर 2000 रुपये प्रति व्यकित कर दिया. इसके साथ ही 30 दिसंबर तक नोट केवल एक बार ही बदलवाए जा सकेंगे.
अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोग अपने कालेधन को वैध बनाने के लिए इस सुविधा का दुरुपयोग कर रहे हैं. यही कारण है कि सरकार ने नोट बदलवाने वाले की अंगुली पर अमिट स्याही लगाने का फैसला इसी सप्ताह किया ताकि एक ही आदमी बार बार नोट बदलवाने के लिए नहीं आए
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.